देश की सुरक्षा के साथ आत्मनिर्भरता का संकल्प भी, जवान के स्मार्ट आईडिया के आप भी हो जाएंगे कायल
भवाली सेनोटाेरियम निवासी सुरजीत बीएसएफ में तैनात हैं। उन्होंने एक मूविंग फूडवैन की शुरुआत की है। जिसमें कस्टमर्स बैठकर नाश्ता करने के साथ वादी का लुत्फ उठा सकते हैं।
नैनीताल, स्कंद शुक्ल : बीएसएफ का जवान देश की सुरक्षा के साथ पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को भी साकार कर रहा है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जब हर तरफ निराशा और अवसाद का माहौल है, लोगों के रोजगार पर संकट है, रिवर्स पलायन तेजी से बढ़ा है ऐसे में नैनीताल जिले के भवाली सेनोटोरियम निवासी जवान सुरजीत ने आत्मनिर्भरता की और कदम बढ़ाए हैं। उसने एक खूबसूरत सा फूडवैन खुद डिजाइन कराकर उसमें रेस्टोरेंट का काम शुरू कराया है। नैनीताल-भवाली रोड पर पार्क फूडवैन की छत पर बैठकर लंच-डिनर करने के साथ चाय काफी और स्नैक्स का लुत्फ उठाया जा सकता है। फूडवैन का यूनिक पैटर्न और खूबसूरती देखकर पर्यटक खुद ब खुद खिंचे चले आते हैं।
छत्तीसगढ़ बीएसएफ में तैनात हैं सुरजीत
भवाली सेनोटाेरियम निवासी सुरजीत बीएसएफ में तैनात हैं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में है। घूमने और हॉलीवुड फिल्मों के शैकीन शुरजीत प्रयाेग करते रहते हैं। हॉलीवुड फिल्म देखने के दौरान ही उन्हें फूडवैन शुरू करने का आइडिया आया। फिर क्या था उन्होंने ऑन पेपर वर्क शुरू कर दिया और फूडवैन का पूरा नक्शा दिमाग में बना लिया। पूरी तरह से बना लिया तो मॉडिफाई करने वाली कंपनी के पास दिल्ली पहुंचे। एक सेकेंड हैंड टाटा 407 ली उसे अपने हिसाब से डिजाइन कराया। जिसमें किचेन, सीढ़ी, छत और छत भी कवर्ड बनवाया। जिससे बारिश या धूप में कस्टमर्स को कोई असुविधा न हो। फूडवैन मूविंग है उसे कहीं भी पार्क किया जा सकता है।
पिता और भाई संभालते हैं काम
सुरजीत ने बताया कि फिलहाल पिता और भाई फूडवैन का काम संभाल रहे हैं। भाई ने बीएससी नर्सिंग किया है। फिलहाल तो जॉब का कुछ है नहीं। ऐसे में स्वरोजगार सबसे बेहतर विकल्प है । काम मार्च दूसरे सप्ताह में शुरू कर दिया था। अच्छी-खासी सेलरी देकर सेफ भी रखा था । लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण उस दौरान कारोबार प्रभावित हो गया। शुरुआत में बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। पर लॉकडाउन से काम प्रभावित हो गया। तीन माह तक काम बंद रखना पड़ा। लॉकडाउन हटने के बाद फिर से शुरू किया है। यूं तो अभी कोरोना के डर से पर्यटकों की आमद कम है लेकिन फिर भी अच्छा-खासा बिजनेस हो जा रहा है। इससे उम्मीद है कि स्थिति के सामान्य होने के साथ ही कारोबार भी बढ़ता जाएगा। शुरजीत ने बताया कि शुरुआत में डेली आठ से दस हजार का बिजनेस हो जाता था।
फूडवैन तैयार कराने में आई ये लागत
सुरजीत ने फूडवैन को दिल्ली में मॉडिफाई कराया है। बताया कि उसका हर एक काम उनके बताए अनुसार ही हुआ है। फूडवैन टाटा 407 पर मॉडिफाई हुई है। इसके रूफ पर बैठ कर खाने का भी इंतजाम है। पहाड़ और जंगल के बीच हाईवे के किनारे पार्क इस फूडवैन कम रेस्टोरेंट को देख पर्यटक खुद ब खुद यहां का जायका लेने खिंचे चले आते हैं। अक्सर छत की टेबल फुल होने पर वे खाली होने का इंतजाम भी करते हैं। यह भी उनके टूरिज्म का ही एक तरह का हिस्सा बन जाता है। शुरजीत ने बताया कि फूडवैन को मॉडीफाई कराने की कुल लागत करीब 15 लाख के आसपास पड़ी है। शुरजीत होम डिलेवरी भी शुरू करने की योजना बना रहे हैं। जिससे लोग घर पर ही सुरक्षित रहकर जायके का लुत्फ उठा सकें।
कायदे कानून का भी रखा पूरा ख्याल
फूडवैन में सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा गया है। FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) यानि कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से प्रमणित कराने के साथ ही पालिका से भी अनुमति ली गई है। इसके साथ ही वैन में सीसीटीवी कैमरा में भी लगाया गया है। सुरजीत ने अपने वैन का नाम हंग्री इंजन रखा है। इसे फेसबुक, इंस्टा और ट्वीटर पर पर लिंक किया है। फूडवैन मूविंग है इसे कहीं भी चलाकर पार्क किया जा सकता है। सूरजीत ने बताया कि वो इस कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं। वे अपना ब्रैंड बनाकर फूडवैन की एक चेन शुरू करने चाते हैं। जिससे औरों को भी रोजगार से जोड़ा जा सके।
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