Move to Jagran APP

आसमान में दिख रहा सदी का सबसे चमकदार धूमकेतु, सूर्य का चक्कर लगाकर अपनी कक्षा लौट रहा

कुदरत के खेल निराले हैं न जाने कब का कौनसा रंग दिखा दे। कुछ ऐसा ही आजकल आसमान में नजर आ रहा है जो धरतीवासियों के आकर्षण का केंद्र बना है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 09:49 AM (IST)
आसमान में दिख रहा सदी का सबसे चमकदार धूमकेतु, सूर्य का चक्कर लगाकर अपनी कक्षा लौट रहा
आसमान में दिख रहा सदी का सबसे चमकदार धूमकेतु, सूर्य का चक्कर लगाकर अपनी कक्षा लौट रहा

नैनीताल, जेएनएन : कुदरत के खेल निराले हैं, न जाने कब का कौनसा रंग दिखा दे। कुछ ऐसा ही आजकल आसमान में नजर आ रहा है, जो धरतीवासियों के आकर्षण का केंद्र बना है। यह एक चमकदार धूमकेतु है। वैज्ञानिक इसे सदी का सर्वाधिक चमकदार धूमकेतु बता रहे हैं। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार, इस धूमकेतु का नाम निओवाईजर सी2020एफ3 है। इन दिनों इसे नग्न आंखों से बखूबी देखा जा सकता है। सूर्य का चक्कर लगाकर अब यह अपनी कक्षा में लौट रहा है, जो धरती के करीब से गुजरेगा। 

loksabha election banner

23 जुलाई को पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक आने पर इसकी दूरी हमसे बहुत कम रह जाएगी। बहरहाल अभी पृथ्वी से यह करीब 132 मिलियन किमी दूर है। धरती के करीब से गुजरते समय इसकी चमक आज के मुकाबले कुछ कम हो जाएगी। अब यह सूर्य से दूर होता जा रहा है तो इसकी लंबी पूछ भी छोटी होने लगी है। धुमकेतु जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं, वैसे ही इनकी रोशनी पीछे एक लकीर की तराई दिखाई देने लगती है, जो पूछ की तरह प्रतीत होता है। इस कारण इसे पुच्छलतारा भी कहा जाता है। इसका मैग्नीट्यूट यानी चमक औसत 3.5 है। 

जैसे-जैसे यह सूर्य से दूर होता जाएगा तो इसकी चमक कम होनी शुरू हो जाएगी। इन दिनों यह बुध ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। डॉ. पांडे के अनुसार इसकी खोज को अधिक समय नहीं हुआ है। नासा के मिशन लिओवाइज ने बीते 27 मार्च को ही इसे खोजा था। तीन जुलाई को यह सूर्य के सर्वाधिक नजदीक था। हमारे सोलर सिस्टम के अंदर की ऑर्बिट से गुजरने पर इसे 4500 साल का सफर तय करना होता है और बाहरी दिशा में इसे 6000 हजार साल लग जाते हैं।

जुलाई में पूरे माह आएगा नजर

इस धूमकेतु का खास रोमांच यह है कि इसे जुलाई के पूरे महीने देखा जा सकेगा। इसे देखने के लिए यूरोप में इन दिनों धूम मची है। दूरबीन से देखने पर इसकी चमक मैग्नीट्यूट 10 तक नजर आएगी। इसकी चमक पूरे माह बने रहने की संभावना वैज्ञानिक जता रहे हैं। इससे पूर्व ऐसी ही चमक वाला धूमकेतु 1990 में देखा गया था।

इसे देखने को अंधेरे वाले इलाके में जाना होगा

इस धूमकेतु को रोशनी की चकाचौंध वाले शहरों से नहीं देखा जा सकेगा। इसके लिए अंधेरे वाली जगह पर जाना पड़ेगा। चूंकि यह सूर्य से धरती के करीब आ रहा है तो इसे सूर्य की दिशा में ही देखा जा सकेगा। आसमान में यह नक्षत्र ऑरिगा के क्षेत्र में है।

यह भी पढ़ें 

अब टैक्सियों से पहुंच सकेंगे आदि कैलास और ओम पर्वत तक, गर्बाधार-लिपूलेख मार्ग पर गुंजी व कुटी तक चलेंगी टैक्सियां 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.