हाईकोर्ट के अधिवक्ता से एक्सीडेंटल गाड़ी के निरीक्षण रिपोर्ट लगाने के एवज में मांगी रिश्वत
हाईकोर्ट में भारत सरकार के अधिवक्ता संजय भट्ट से रोडवेज फोरमैन द्वारा एक्सीडेंटल गाड़ी के निरीक्षण रिपोर्ट लगाने के एवज में रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है।
नैनीताल, जेएनएन : राज्य सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे को उसके ही कमचारी पलीता लगा रहे हैं। ताजा मामला हाईकोर्ट में भारत सरकार के अधिवक्ता संजय भट्ट से रोडवेज फोरमैन द्वारा एक्सीडेंटल गाड़ी के निरीक्षण रिपोर्ट लगाने के एवज में रिश्वत मांगने का है। अधिवक्ता भट्ट ने पुलिस महानिदेशक के साथ ही विजिलेंस को भी शिकायत भेजी है। साथ ही ऑडियो क्लिप भी भेजी है।
अधिवक्ता भट्ट के अनुसार जनवरी में वह अपनी सेंट्रो से छोई हनुमानधाम रामनगर गए थे। तभी लापरवाही से ड्राइविंग करते हुए एक बोलेरो चालक ने उनके वाहन को टक्कर मार क्षतिग्रस्त कर दिया। कोतवाली रामनगर में मामला दर्ज किया गया तो विवेचक द्वारा कार को निरीक्षण के लिए कोतवाली मंगाया गया। फरवरी में अधिवक्ता भट्ट ने रामनगर कोतवाली में बयान भी दर्ज कराए। 22 मई को विवेचक के मोबाइल पर कॉल आने पर अगले दिन ही वाहन को निरीक्षण के लिए रामनगर ले गए।
कोतवाली में बताया गया कि निरीक्षण ईद के बाद ही हो सकेगा और कार को कोतवाली में छोड़ना होगा। उन्होंने लॉकडाउन की दिक्कत का हवाला दिया तो रोडवेज के फोरमैन को कॉल करने को कहा गया । जब भट्ट ने फोरमैन से बात की तो उन्होंने विवेचक से बात करने को फोन देने को कहा, इसी दौरान रिश्वत की डिमांड की गई। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के दखल के बाद गाड़ी को लिखित अनुरोध पर छोड़ा गया।
भट्ट ने इसकी रिपोर्ट लिखानी चाही तो रामनगर कोतवाली के प्रभारी द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। साथ ही कानून की डिग्री के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया। 25 मई को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के बाद गाड़ी को छोड़ा गया। उन्होंने अब इस पूरे प्रकरण की शिकायत डीजीपी व निदेशक विजिलेंस को की है।
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