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भाजपा का बूथ अभियान सशक्त, कांग्रेस ने भी मजबूत करने में लगाया पूरा जोर

किसी भी दल के लिए बूथ मैनेजमेंट उसका सबसे मजबूत पक्ष है। यही कारण है कि तमाम दल अब इस तरह के सियासी मैनेजमेंट को अपना सशक्त हथियार बना चुके हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 12:33 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 12:33 PM (IST)
भाजपा का बूथ अभियान सशक्त, कांग्रेस ने भी मजबूत करने में लगाया पूरा जोर
भाजपा का बूथ अभियान सशक्त, कांग्रेस ने भी मजबूत करने में लगाया पूरा जोर

हल्द्वानी, जेएनएन : किसी भी दल के लिए बूथ मैनेजमेंट उसका सबसे मजबूत पक्ष है। यही कारण है कि तमाम दल अब इस तरह के सियासी मैनेजमेंट को अपना सशक्त हथियार बना चुके हैं। दलों के लिए अपनी बात आम जन तक पहुंचानी है या फिर प्रचार के लिए जन-जन में किसी तरह का संदेश फैलाना हो, इसके लिए बूथ कमेटी अहम भूमिका अदा करने लगी हैं। भाजपा ने इस तरह के प्रबंधन की मानो नब्ज ही पकड़ ली हो, तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजनीतिक बैठकों में बूथ मैनेजमेंट को सशक्त करने की ही बात करते नजर आते हैं।

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लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया। नैनीताल लोकसभा सीट पर 18 लाख वोटर हैं। वैसे तो इन मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों के तरकश में तमाम सियासी तीर हैं, लेकिन जमीनी स्तर बूथ कमेटियों को मजबूत करना भी उनकी प्राथमिकता में है। इस लोकसभा सीट पर बूथ मैनेजमेंट में भाजपा की जमीनी तैयारी अधिक नजर आती है। ऐसा इसलिए कि पार्टी ने मेरा बूथ सबसे मजबूत अभियान छेड़े रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो एप के जरिये भी इस अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया। ऐसा नहीं कि कांग्रेस तैयारी नहीं है। पार्टी रणनीतिकारों से लेकर पार्टी हाइकमान ने मेरा बूथ मेरा गौरव अभियान चलाया है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर कम ही है। यही कारण है कि बूथ मैनेजमेंट के कमी के चलते पार्टी निकाय चुनाव में कई जगह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। हालांकि, पार्टी ने अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बूथ कमेटियों की बैठक कर ली है। फिर से इन कमेटियों को सक्रिय करने के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी भी बांट दी गई है।

आम जन से सीधा संपर्क, बनाते हैं माहौल

भाजपा हो कांग्रेस, इन दोनों राजनीतिक दलों की बूथ कमेटियों में पांच से 15 सदस्य शामिल हैं। ये सीधे आम जन के संपर्क में बने रहते हैं। यही कमेटियां हैं, जो सभाओं में भीड़ का हिस्सा भी होती हैं और नारेबाजी से लेकर झंडे भी लहराते हैं। पान की दुकान से लेकर नुक्कड़ व आयोजनों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम भी इन्हीं का होता है। इसलिए दलों ने सियासी सफर को आसान बनाने के लिए बूथ कमेटियों पर फोकस बढ़ा दिया।

ये है बूथों की स्थिति

भाजपा      बूथ संख्या

2014       2086 

2019       2213

कांग्रेस     बूथ संख्या

2014       2100

2019       2205

भाजपा कैडर बेस्‍ड पार्टी, बूथ हुआ मजबूत

प्रदीप बिष्ट, जिलाध्यक्ष भाजपा ने बताया कि भाजपा कैडर बेस्ड पार्टी है। बूथों को मजबूत करते रहती है। इसका असर लोकसभा चुनाव 2014, विधानसभा चुनाव 2017 और 2019 में भी दिखेगा। बूथ जीता चुनाव जीता के आधार पर काम किया जाता है।

युवाओं-महिलाओं को किया गया शामिल

सतीश नैनवाल, जिलाध्यक्ष कांग्रेस ने बताया कि हमने बूथ मैनेजमेंट पर पूरा ध्यान रखा है। एक-एक बैठकें आयोजित कर ली हैं। इसमें महिला, युवा सभी को शामिल किया गया है। इसका हम पूरा रिकार्ड भी रखते हैं। इस चुनाव में इसका असर दिखेगा।

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