Move to Jagran APP

चार साल पहले पिथौरागढ़ आए थे बिपिन रावत, कुमाऊं रायफल्स की शताब्दी वर्ष पर थे चीफ गेस्ट

कुमांऊ रायफल्स के सौ साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में पहुंचे थे। उनके कार्यक्रम को लेकर सेना सहित पूर्व सैनिकों में उत्साह था। भारी संख्या में पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं समारोह में पहुंची थी। सैन्य क्षेत्र के परेड ग्राउंड में इस अवसर पर उन्होंने सैनिकों का उत्साहवर्धन किया था।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 08:19 PM (IST)
चार साल पहले पिथौरागढ़ आए थे बिपिन रावत, कुमाऊं रायफल्स की शताब्दी वर्ष पर थे चीफ गेस्ट
अपने इस कार्यक्रम के दौरान कुमाऊं रायफल्स की स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : चार साल पूर्व 23 अक्टूबर 2017 को थल सेनाध्यक्ष रहते हुए बिपिन रावत पिथौरागढ़ सैन्य क्षेत्र में कुमांऊ रायफल्स के सौ साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में पहुंचे थे। उनके कार्यक्रम को लेकर सेना सहित पूर्व सैनिकों में उत्साह था। भारी संख्या में पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं समारोह में पहुंची थी। सैन्य क्षेत्र के परेड ग्राउंड में इस अवसर पर उन्होंने सैनिकों का उत्साहवर्धन किया था।

loksabha election banner

समारोह में उन्होंने कहा कि कुमाऊं का हर जवान हर परिस्थिति में हर वक्त अपना मनोबल बनाए रखते हैं और तैयार रहते हैं। कुमाऊं रायफल्स के इतिहास पर कहा था कि कुमाऊं बटालियन जो वर्तमान में तीन कुमाऊं रायफल्स के नाम से जाती है, उसका इतिहास गौरवशाली रहा है। अपनी स्थापना के एक साल के भीतर ही इस रेजीमेंट ने युद्ध में भाग लेकर वीरता का परिचय दिया था। उन्होंने पूर्व सैनिकों और वीर नारियों की समस्याओं के समाधान का भी आश्वासन दिया। अपने इस कार्यक्रम के दौरान कुमाऊं रायफल्स की स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया। जवानों का हौसला बढ़ाकर  वीर नारियों को उपहार भी प्रदान किए। अधिकारियों और जवानों को सम्मानित किया था।

बिपिन रावत पिथौरागढ़ आने वाले चार सेनाध्यक्षों मेंं शामिल हैं। उनसे पूर्व वर्ष 1950 तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल जनरल केएम करियप्पा, वर्ष 1994 में तत्कालीन  थल सेनाध्यक्ष स्व. बिपिन चंद्र जोशी, वर्ष 2012 में  जनरल विक्रम सिं और बिपिन रावत 2017 हैं। बिपिन रावत की मृत्यु  से शोक में डूबा सीमांत सीडीएस बिपिन रावत की मृत्यु  से जिले मेंं शोक छा गया है। पूर्व सैनिक इस घटना के बाद से आहत हैं। उनकी असामयिक मृत्यु पर पूर्व सैनिक संगठनों सहित अन्य संगठनों ने गहरा शोक जताया है।

पूर्व सैनिक जन कल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार मेजर दान सिंह वल्दिया ने कहा है कि यह घटना अति दुखदायी है। बिपिन रावत का असामयिक चले जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। हर समय देश के लिए तैयार रहने वाले देशभक्त के चले जाने से सभी स्तब्ध हैं।  पूर्व सैनिक कै.डीएस वल्दिया का कहना है कि अभी भी इस घटना पर विश्वास नहीं हो रहा है। उन्होंने इस घटना में हताहत हुए सभी को श्रद्धांजलि दी है। पूर्व सैनिक व्यापार संघ अध्यक्ष शमशेर महर, पूर्व सैनिक चंचल सिंह ऐरी , राम सिंह बिष्ट सहित पूर्व सैनिकों ने इस घटना पर शोक जताया है और इसे बहुत बड़ी क्षति बताया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.