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राज्य कोटे के छात्रों को 10 फीसद अंक का मामला, हार्इकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर पत्रकारों से बात की। उन्होंने पर्वतीय जिलों के कॉलेजों में अवस्थापना सुविधाओं की कमी को स्वीकार किया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 08:29 PM (IST)
राज्य कोटे के छात्रों को 10 फीसद अंक का मामला, हार्इकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
राज्य कोटे के छात्रों को 10 फीसद अंक का मामला, हार्इकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नैनीताल, [जेएनएन]: उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत शिक्षा के क्षेत्र में लगातार अहम फैसले ले रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक और बड़ा फैसला लिते हुए हार्इकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जिसमें राज्य के विश्वविद्यालयों में स्थानीय छात्रों के दस फीसदी अंकों को हटाया गया था। उच्च शिक्षा मंत्री ने इस मामले को देखने का जिम्मा उपनिदेशक स्तर के अधिकारी को सौंपा गया है। 

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 नैनीताल क्लब में मीडिया से रूबरू होते हुए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत उच्च शिक्षा व्यवस्था के हालातों के बारे में जानकारी  दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि जल्द ही डिग्री कॉलेजों में 500 शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन लो सेवा आयोग से जारी किया जाएगा। 

 वहीं इस दौरान उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने पर्वतीय जिलों के कॉलेजों में अवस्थापना सुविधाओं की कमी को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि इन हालातों में सेमेस्टर सिस्टम व्यवहारिक नहीं है। 

उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत  ने कहा कि डिग्री कॉलेज में कर्मचारी, प्राचार्य और शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजरी जरूरी की गई है। अगले साल से छात्रों की उपस्थिति के लिये भी क्या बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया जाना चाहिए, इस पर काम चल रहा है। इस दौरान विधायक संजीव आर्य, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज साह, अरविंद पांडेय, गोपाल रावत, शांति मेहरा, मनोज जोशी आदि मौजूद रहे। 

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