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गजब का वेस्ट मैनेजमेंट : कबाड़ को कलाकृति का रूप दे रहे इंटीरियर डिजाइनर भवान NAINITAL NEWS

मुक्तेश्वर के शशबनी गांव निवासी 46 वर्षीय भवान सिंह बिष्ट निष्प्रयोज्य सामग्री को उपयोग की वस्तु में परिवर्तित कर रहे हैं। वेस्ट मैनेजमेंट के इस काम को लोगों की सराहना मिल रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 04:39 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 03:08 PM (IST)
गजब का वेस्ट मैनेजमेंट : कबाड़ को कलाकृति का रूप दे रहे इंटीरियर डिजाइनर भवान  NAINITAL NEWS
गजब का वेस्ट मैनेजमेंट : कबाड़ को कलाकृति का रूप दे रहे इंटीरियर डिजाइनर भवान NAINITAL NEWS

हल्द्वानी, जेएनएन : हौसले अगर बुलंद हों तो मुश्किल समस्या का भी हल निकल आता है। मुक्तेश्वर के शशबनी गांव निवासी 46 वर्षीय भवान सिंह बिष्ट निष्प्रयोज्य सामग्री को उपयोग की वस्तु में परिवर्तित कर रहे हैं। वेस्ट मैनेजमेंट के इस काम को लोगों की काफी सराहना मिल रही है। फरीदाबाद में रह रहे भवान सिंह पेशे से इंटीरियर डिजाइनर हैं। शौक व जुनून के चलते भवान सिंह ने 2009 में दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली सामग्री के अनुपयोगी हिस्से को उपयोग में लाने की दिशा में काम शुरू किया। साल 2014 में धरती मां ट्रस्ट नाम से पंजीकृत होकर अपने काम को नाम दिया। संस्था के लोग तमाम शहरों में जाकर पुरानी बोतल, पॉलीथिन, तमाम सामग्री के खाली रैपर, टिन के डिब्बे, कपड़े की कतरन आदि से जरूरत का सामान बनाने का हुनर सिखाते हैं। प्रशिक्षण देने वाली टीम में भवान सिंह के अलावा राधा बिष्ट, ललिता बिष्ट, दीपिका बिष्ट, शकुंतला देवी, रुद्र प्रकाश वर्मा, विजय पपनै, दिनेश वर्मा शामिल रहते हैं।

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कुछ भी नहीं जाता बेकार

पुरानी बोतल से टोकरी, फ्लावर पॉट, लैंप शेड, पॉलीथिन से चप्पल, वायर से ङ्क्षरग, बैग हैंडिल, रैपर से झूमर, टिन डिब्बे से पैन स्टैंड, पुरानी कॉपी-किताबों से सजावटी सामान, पेन-लकड़ी से घोंसले, जूट व कपड़े की कतरन से चटाई, थैला आदि तैयार किया जाता है।

पिता से मिला काम करने का आइडिया

भवान सिंह बताते हैं कि बचपन में पिता टीकम सिंह बिष्ट को हर पुरानी चीज को संभालते हुए देखते थे। बाद में जिसका जरूरत के अनुरूप उपयोग किया करते। यह सीख मेरे काम आई। 1991 से 2008 तक कपड़े, लेदर, लकड़ी के काम का हुनर सीखा। रास्ते में पड़ी पुरानी चीज को उठाकर लाते व उससे सजावटी सामान बनाकर घर सजाते। हुनर को दूसरों तक पहुंचाने के उद्देश्य से संस्था की नींव रखी।

कई शहरों में दे चुके प्रशिक्षण

भवान सिंह अब तक उत्तराखंड के नैनीताल के अलावा फरीदाबाद, दिल्ली, चंडीगढ़, गाजियाबाद में प्रशिक्षण दे चुके हैं। प्रशिक्षण के लिए स्कूल, कॉलेज, स्लम बस्ती आदि को चुना जाता है। तैयार उत्पाद की विभिन्न शहरों पर प्रदर्शनी लगाकर आमदनी की जाती है।

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