राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत बेहतर काम के लिए बाजपुर व हरिद्वार को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
राष्ट्रीय पोषण मिशन में बेहतर प्रदर्शन पर हरिद्वार व बाजपुर को नेशनल अवार्ड देने की घोषणा की गई है। 23 अगस्त को नई दिल्ली मेें यह सम्मान प्रदेश को मिलेगा।
रुद्रपुर, जेएनएन : राष्ट्रीय पोषण मिशन में बेहतर प्रदर्शन पर हरिद्वार व बाजपुर को नेशनल अवार्ड देने की घोषणा की गई है। इसमें हरिद्वार को जिला स्तर पर तो ऊधमसिंह नगर के बाजपुर को ब्लॉक लेवल पर यह अवार्ड दिया जाएगा। 23 अगस्त को नई दिल्ली मेें यह सम्मान प्रदेश को मिलेगा। राष्ट्रीय पोषण मिशन पूरे देश में चलाया जा रहा है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा फोकस देश के सबसे ज्यादा पिछड़े 115 जिलों में है। जिसमें उत्तराखंड का ऊधमसिंह नगर व हरिद्वार भी शामिल है। राष्ट्रीय पोषण मिशन में बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा व बाल विकास विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। जिसका असर दिखने लगा है। ऊधमसिंह नगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर इंसेंटिव अवार्ड में फील्ड लेवल लीडरशिप अवार्ड के लिए जिले के बाजपुर ब्लॉक का चयन किया गया है। जिसमें सीडीपीओ गौरव पंत, बीडीओ डॉ. निर्मला जोशी व मेडिकल अधिकारी डॉ. खेमपाल को सम्मानित किया जाना है। जबकि जिला स्तर पर हरिद्वार का चयन किया गया है। झरना कमठान, मिशन निदेशक, पोषण अभियान, उत्तराखंड ने बताया कि पोषण अभियान में इंसेंटिव अवार्ड के लिए प्रदेश में हरिद्वार व बाजपुर का चयन किया गया है। 23 अगस्त को चाणक्यपुरी नई दिल्ली में यह सम्मान दिया जाएगा।
पोषक तत्वों से भरे हैं पारंपरिक अनाज
रुद्रपुर : वर्तमान समय में लोग पारंपरिक अनाज व खाने को भूनकर तला, भुना खाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। जिससे पोषक तत्वों की कमी के साथ ही विभिन्न प्रकार के रोग पनप रहे हैं। जिससे महिलाओं में एनीमिया सहित कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। वर्तमान समय में एलीट वर्ग मडुआ, रागी, मक्का आदि को फिर से अपना रहा है। यह बातें डीपीओ उदय प्रताप सिंह ने परियोजना कार्यालय में माड्यूल बैठक के दौरान कही।विकास भवन स्थित महिला व बाल विकास परियोजना कार्यालय में आयोजित आंगनबाड़ी सुपरवाइजर प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीडीपीओ रमा रावत ने कहा कि माड्यूल बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। जिससे सभी सुपरवाइजर अपने क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यर्ताओं व सामान्य महिलाओं तक जागरूकता फैला सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लीला परिहार ने कहा कि एनीमिक मां का बच्चा भी कुपोषित हो सकता है। मां को एनीमिया होने से दूध भी कम होता है। उन्होंने कहा कि कई महिलाएं घर में सबसे आखिर मेें बचा हुआ खाना खाती हैं, जिससे पूरा पोषण नहीं मिल पाता है। सुनीता ने एनीमिया के लक्षण व उपचार के बारे मेें सभी को बताया। इस दौरान ऊपरी आहार में सुधार और वृद्धि तथा शिशुओं में शारीरिक वृद्धि का आकलन आदि विषयों पर भी बात की गई।
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