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Char Dham Yatra 2021 : व्यवसायियों व स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट बना फैसले का आधार

Char Dham Yatra 2021 कोविड काल में चारधाम यात्रा बंद होने से हरिद्वार से लेकर चारधाम यात्रा मार्ग के छोटे व्यवसायियों की आर्थिक चिंता व आजीविका पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रा पर लगी रोक हटाई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 08:22 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 04:53 PM (IST)
Char Dham Yatra 2021 : व्यवसायियों व स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट बना फैसले का आधार
Char Dham Yatra 2021 : व्यवसायियों व स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट बना फैसले का आधार

किशोर जोशी, नैनीताल : Char Dham Yatra 2021 :कोविड काल में चारधाम यात्रा बंद होने से हरिद्वार से लेकर चारधाम यात्रा मार्ग के छोटे व्यवसायियों की आर्थिक चिंता व आजीविका पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रा पर लगी रोक हटाई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि फूल वाले, रेहड़ी वाले व यात्रा वाले जिलों के व्यवसायियों, तीर्थपुरोहितों व स्थानीय लोगों की आजीविका पर गहराए संकट से हम वाकिफ है। इसलिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ यात्रा शुरू कराने की अनुमति दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य व स्वच्छता के पुख्ता इंतजाम करने होंगे।

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दरअसल, जून में हाई कोर्ट ने कोविड से संबंधित पीआइएल पर सुनवाई करते हुए यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी। सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की लेकिन सुनवाई ही नहीं हो सकी तो सरकार ने उसे वापस ले लिया और हाई कोर्ट में ही पुनर्विचार का निर्णय लिया। कोर्ट में सुनवाई का दिन तय होने के बाद सरकार की ओर से इस बार पूरा होमवर्क किया गया, जिसके बाद विस्तृत हलफनामा तैयार कर कोर्ट में दाखिल किया गया।

हलफनामा में चारधाम से संबंंधित जानकारी, सुविधाओं व भावी प्लान के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत खुद अपनी टीम के साथ देहरादून गए। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएल बाबुलकर व सीएससी रावत ने दमदार तरीके से पैरवी की। याचिकाकर्ता दून के रवींद्र जुगरान, अनू पंत व डीके जोशी के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने भी कहा कि यात्रा पर लगी रोक हटाने को लेकर वह भी पूरी तरह सहमत हैं।

2020 में 3.21 लाख ने की यात्रा

सरकार के हलफनामे के अनुसार, 2017 में 2192647, 2018 में 2622325, 2019 में 3169902 और मई 2020 तक तीन लाख 21 हजार तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा की। सरकार के अनुमान के अनुसार अनुमति वाली समयावधि में करीब डेढ़ लाख यात्रियों के आने का अनुमान है। सरकार ने बताया कि 45 साल से अधिक आयु वर्ग के चमोली में 109112, रुद्रप्रयाग में 67561 व उत्तरकाशी में 86085 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज व दूसरी डोज क्रमश: 81 प्रतिशत, 59.09 प्रतिशत व 74 प्रतिशत को दूसरी डोज लगा दी गई है, जबकि 18 से 44 साल तक आयु वर्ग में चमोली में 84.9 प्रतिशत, रुद्रप्रयाग में 89.2 प्रतिशत व उत्तरकाशी में 87.6 को पहली डोज व 16.9 प्रतिशत, 22.6 प्रतिशत व 19.3 फीसद को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। सरकार ने यह भी बताया कि कोविड महामारी के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है। एनएचएम के अंतर्गत 655 नर्सेज, 285 एएनएम, 369 एनएनएम की एनएचएम के अंतर्गत, 108 लैब टैक्नीशियन की नियुक्ति तथा पर्याप्त एंबुलेंस उपलब्ध हैं।

ये तो दुनिया जहां है, सीता को भी बदनाम किया

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट के एक तर्क पर कहा कि ये दुनिया जहां है, यहां सीता भी बदनाम कर दी गई। करीब दो घंटे तक चली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार व पक्षकारों को सुनने के साथ अपना रुख भी स्पष्टï किया।

चारधाम के लिए सरकार का प्लान

  • एसडीएम एसओपी के अनुपालन की साप्ताहिक मॉनीटरिंग करेंगे।
  • नोडल अफसर की तैनाती, स्वास्थ्य विभाग का नोडल अफसर मेडिकल सुविधाओं के लिए जवाबदेह होगा
  • चारधाम देवस्थानम बोर्ड कार्मिकों की तैनाती करेगा, जो सख्ती से तीर्थयात्रियों को तृप्त कुंड व चारधामों में स्नान करने से रोकेंगे।
  • यात्रा मार्ग पर 32 एंबुलेंस तैनात होंगी
  • बद्रीनाथ मार्ग पर गौचर, पांडुवखाल, ग्वालदम, पांडुकेश्वर व मोहनखाल, केदारनाथ में सिरोहबगड़, चिरबटिया व सोनप्रयाग, गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर श्यान्सू, नागुन बैरियर, धौंत्री और डम्टा में चेक प्वाइंट बनाए जाएंगे।

चारधाम यात्रा खोले जाने पर सभी पक्षकारों की सहमति

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि चारधाम यात्रा खोले जाने पर सभी पक्षकारों की सहमति हैं। अगर सरकार स्वास्थ्य ढांचे से संबंधित तैयारियां चाक चौबंद पहले की उच्च न्यायालय को अवगत करा देती तो यात्रा पर रोक की नौबत ही नहीं आती। उम्मीद करते हैं कि सरकार पुख्ता स्वास्थ्य व्यवस्था व सफाई व्यवस्था के साथ यात्रा जारी रख पाएगी।


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