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बलियानाला भूस्खलन से खतरे की जद में आए प्रभावितों ने मांगी दो दिन की मोहलत NAINITAL NEWS

शहर के अतिसंवेदनशील बलियानाला भूस्खलन से खतरे की जद में आए हरिनगर बूचड़खाना और रईस होटल क्षेत्र के परिवारों को दुर्गापुर में शिफ्ट करने का काम तेज हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 10:14 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 10:14 AM (IST)
बलियानाला भूस्खलन से खतरे की जद में आए प्रभावितों ने मांगी दो दिन की मोहलत NAINITAL NEWS
बलियानाला भूस्खलन से खतरे की जद में आए प्रभावितों ने मांगी दो दिन की मोहलत NAINITAL NEWS

नैनीताल, जेएनएन : शहर के अतिसंवेदनशील बलियानाला भूस्खलन से खतरे की जद में आए हरिनगर, बूचड़खाना और रईस होटल क्षेत्र के परिवारों को दुर्गापुर में शिफ्ट करने का काम तेज हो गया है। प्रशासन और पालिका ने प्रभावित 40 परिवारों को दुर्गापुर वीरभट्टी में निर्मित आवासों में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही प्रभावित इलाके के घरों को ध्वस्त कर दिया है। अब रईस होटल और बूचड़खाना क्षेत्र के 32 चिह्निïत मकानों से परिवारों को हटाने का काम शुरू हो गया है। प्रभावितों ने प्रशासन व पालिका से दो दिन की मोहलत मांगी है। साथ ही पक्के घर तोडऩे का विरोध किया है। साथ ही साफ किया कि जो आवास खाली भी करेंगे, उसकी चाबी जिला प्रशासन के पास नहीं बल्कि उन्हीं लोगों के पास रहेगी। 

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रविवार को पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, एसडीएम विनोद कुमार, पालिका ईओ रोहिताश, शर्मा, पटवारी अमित साह, पालिका कर अधीक्षक लता आर्य समेत सूरज कुमार, ईश्वरी बहुगुणा आदि पहले बलियानाला के मुहाने जीआइसी मैदान पहुंचे और वहां से चिह्निïत मकानों में लाल निशान लगाना शुरू किया तो प्रभावितों ने जमा होकर विरोध किया। उन्होंने साफ कर दिया कि किसी भी दशा में लाल निशान नहीं लगने देंगे। इसी बीच पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी ने कहा कि प्रभावितों को दो दिन की मोहलत दी गई है, मोहलत और बढ़ाने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी से वार्ता की जाएगी। विरोध के बाद टीम लौट आई। विरोध जताने वालों में सभासद रेखा आर्या, ममता जोशी समेत अन्य थे। 

मुख्य सचिव को देनी है रिपोर्ट

भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में खतरे की जद में आए परिवारों का प्रशासन हर हाल में विस्थापित करेगा। मुख्य सचिव को इसकी प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में देनी है। अगले सप्ताह यह रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंपी जानी है। प्रशासन परिवारों को विस्थापित करने के साथ ही मकानों को ध्वस्तीकरण के लिए बाध्य है। जीएसआइ के सर्वे में साफ किया है कि यह क्षेत्र डेंजर जोन बन चुका है। एसडीएम विनोद कुमार ने माना कि खतरे की जद में आ चुके परिवारों को हर हाल में हटाया जाएगा।

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