गरमपानी में महिला स्वंय सहायता समूह ने निकाली जागरूकता रैली
पर्यावरण व जल संरक्षण को उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना (जायका) के जरिये बंजर भूमि को हरा-भरा किया जाएगा।
संस, गरमपानी : पर्यावरण व जल संरक्षण को उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना (जायका) के जरिये बंजर भूमि को हरा भरा किया जाएगा। इसके तहत माइक्रो प्लान के जरिये वन भूमि में किए जाने वाले कायरें के प्रस्ताव बनाने पर गहन मंथन किया गया। साथ ही योजना के तहत होने वाले विकास कायरें की रूपरेखा तय की गई। बाद में महिला समूह के सदस्यों ने रैली निकाल लोगों को जागस्क किया।
कोसी घाटी के आटाखास गांव में चार दिनी कार्यशाला का शुभारंभ परियोजना सहायक हेम चंद पाठक ने किया। उन्होंने पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए परियोजना के तहत किए जाने वाले कायरें की जानकारी दी। कहा लगातार घटते भू गर्भीय व नदियों के घटते जल स्तर को बचाने के लिए सभी लोगों को मिलकर प्रयास करने होंगे। कहा इसके लिए बंजर जमीन को हराभरा कर माइक्त्रो प्लान तैयार किया गया। इसी के आधार पर 40 हेक्टेयर वन क्षेत्र में झाड़ियों की कटाई, छटाई, चाल खाल व खतियों का निर्माण आदि कार्य किए जाएंगे। साथ ही प्रति हेक्टेयर एक हजार पौधों का रोपण कर सुरक्षा को चाहरदीवारी का निर्माण भी किया जाएगा। इससे जहां एक ओर पर्यावरण की स्थिति में सुधार आएगा वहीं बंजर भूमि भी हरी-भरी हो सकेगी। इससे क्षेत्र के किसानों को भी काफी हद तक लाभ मिलेगा। रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने इसके लिए आमजन व महिला समूहों से मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। कार्यशाला में वन सचिव भूमि संरक्षण भोपाल सिंह, संजय भट्ट, कुंवर सिंह, कमल बधानी, राम सिंह, हंसी देवी, जानकी देवी, गीता देवी, सीमा देवी आदि मौजूद रहे।