पंतनगर में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश, संदिग्ध रूप से बजरंगबली के मंदिर में लगी आग
परिसर में बीते मंगलवार को नगला डेयरी स्थित प्राचीन शिव मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति में आग लगाकर एक बार फिर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की गई।
पंतनगर, जेएनएन : परिसर में बीते मंगलवार को नगला डेयरी स्थित प्राचीन शिव मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति में आग लगाकर एक बार फिर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की गई। सूचना पर पहुंचे सुरक्षा एवं पुलिस कर्मियों ने जायजा लिया और यहां के निवासियों से शांति बनाए रखने सहित अफवाहों को न फैलने देने की अपील की।
लगभग चालीस वर्ष पूर्व निर्मित नगला के शिव मंदिर में दस वर्ष पूर्व स्थापित बजरंगबली मंदिर में बीते शुक्रवार को हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई गई। हनुमान भक्तों ने इसी दिन विधि विधान से बजरंगबली को नया चोला पहनाया था। 23 अप्रैल (मंगलवार) को शाम सवा आठ बजे विद्युत विभाग कर्मी अनिल सिंह पूजन-अर्चन कर वापस चले गए। रात्रि नौ बजे नगला के किराना व्यापारी (बजरंगबली की मूर्ति स्थापित करवाने वाले) संजय शुक्ला अपना प्रतिष्ठान बंद कर, दर्शन करने मंदिर पहुंचे तो बजरंगबली का चोला जल चुका था, और मूर्ति काली पड़ गई थी। उन्होंने पूरा मंदिर प्रांगण छान मारा, लेकिन वहां कोई दिखाई नहीं दिया। उन्होंने इसकी सूचना पड़ोसियों सहित सुरक्षा व पुलिस विभाग को दी।
छानबीन में यह भी सामने आया कि आपराधिक तत्वों ने मूर्ति को आग लगाने में वहीं लगे कागज के स्टीकरों का प्रयोग किया था। इस हरकत से आक्रोशित हनुमान भक्त हरीश पाठक, अतुल वर्मा, अनिल सिंह व संजय शुक्ला ने कहा कि आगामी मंगलवार को बजरंगबली की मूर्ति को गंगा जल से शुद्धिकरण कर नया चोला पहनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने विवि प्रशासन से अपील की कि मंदिर में चौबीस घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात किया जाए।
परिसर में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
परिसर में धार्मिक उन्माद फैलाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। 14 वर्ष पूर्व विवि के शोधार्थी एके कुशवाहा द्वारा इसी मंदिर में दुर्गा की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जिसमें धर्मावलंबियों ने उसे मारपीट कर पुलिस के हवाले कर दिया, तथा बाद में विवि प्रशासन द्वारा उसे कैंपस आउट कर दिया गया। इसी प्रकार लगभग पांच वर्ष पूर्व झा-कालोनी शिव मंदिर में दूसरे संप्रदाय के एक व्यक्ति ने मूर्तियों को तोड़ दिया था। इसके बाद लोग उग्र हो गए, और संप्रदाय विशेष की कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि जिला प्रशासन को हस्तक्षेप कर पीएसी लगानी पड़ी। बाद में उस अभियुक्त को सपरिवार नौकरी सहित पंतनगर छोड़कर भागना पड़ा।
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