खगोलीय घटना: 23 सितंबर को दिन-रात होंगे बराबर
इस बार 23 सितंबर को दिन और रात बराबर होंगे। इसके बाद रातें लंबी और दिन छोटे होने लगेंगे। यह समपात का दिन कहलाता है। पृथ्वी के अपनी धूरी पर घूमने के कारण दिन-रात की अवधि में परिवर्तन होता है।
नैनीताल। इस बार 23 सितंबर को दिन और रात बराबर होंगे। इसके बाद रातें लंबी और दिन छोटे होने लगेंगे। यह समपात का दिन कहलाता है। पृथ्वी के अपनी धूरी पर घूमने के कारण दिन-रात की अवधि में परिवर्तन होता है। इसी कारण मौसम के विविध खूबसूरत रंग धरती पर विद्यमान हैं।
दिन-रात सामान्य खगोलीय प्रक्रिया है। साल में दो बार ऐसे अवसर आते हैं जब दिन व रात की अवधि बराबर होती है। इससे पूर्व इस वर्ष 20 मार्च को दिन व रात की अवधि समान थी। अब सूर्य के उत्तरायण होने तक रातें लंबी होती रहेंगी। इसके बाद 21 दिसंबर को वर्ष की सबसे लंबी रात होगी और वर्ष का दिन सबसे छोटा होगा। समय का चक्र आगे बढ़ता हुआ अगले वर्ष 20 मार्च को पुन: दिन व रात की अवधि बराबर हो जाएगी।
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आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे का कहना है कि आम तौर पर माना जाता है कि 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन-रात बराबर होते हैं, लेकिन खगोल की गणना जूलियन व ग्रिगोरियन कैंलेडर के हिसाब की जाती है। इन दोनों कैलेंडरों की गणना के अनुसार कुछ सालों में इन तिथियों में 48 घंटे तक की घट-बढ़ होती है।
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इसी के चलते इस बार 23 सितंबर को दिन व रात बराबर होंगे। वह बताते हैं जैसे कि वर्ष 1983 में 20 सितंबर को दिन-रात बराबर रहे थे। इसके बाद से अब यह घटना हो रही है। वैज्ञानिक भी इस खगोलीय घटना को लेकर काफी उत्सुक हैं। इसके लिए संस्थान में तैयारियां भी चल रही हैं। ताकि, घटना पर कुछ रिसर्च भी की जा सके।
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