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असिस्टेंट प्रोफेसर नौकरी पहाड़ पर करेंगे और तनख्वाह निकालने के लिए आएंगे मैदान की ओर nainital news

उच्च शिक्षा विभाग में भर्ती 23 नए सहायक प्राध्यापकों को अस्थायी तैनाती दे दी गई है। हालांकि इन्‍हें नौकरी तो पहाड़ पर करनी होगी मगर वेतन निकालने के लिए मैदान उतरना पड़ेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 10:53 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 10:53 AM (IST)
असिस्टेंट प्रोफेसर नौकरी पहाड़ पर करेंगे और तनख्वाह निकालने के लिए आएंगे मैदान की ओर nainital news
असिस्टेंट प्रोफेसर नौकरी पहाड़ पर करेंगे और तनख्वाह निकालने के लिए आएंगे मैदान की ओर nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : उच्च शिक्षा विभाग में भर्ती हुए 23 नए सहायक प्राध्यापकों को अस्थायी तैनाती दे दी गई है। हालांकि इन प्राध्यापकों को नौकरी तो पहाड़ पर करनी होगी मगर, वेतन निकालने के लिए मैदान उतरना होगा। अस्थायी तैनाती का आदेश शुक्रवार को उप निदेशक डॉ. एनएस बनकोटी ने जारी किया। बता दें कि लोक सेवा आयोग की ओर से पूर्व में वाणिज्य विषय के सहायक प्राध्यापक के लिए भर्ती परीक्षा कराई गई थी। जिसके बाद 23 सहायक प्राध्यापकों को चुना गया। ये सभी काफी दिनों तक उच्च शिक्षा निदेशालय से अटैच रहे।

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आदेश में इस बात का किया गया है उल्‍लेख

शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया है कि इन सभी प्राध्यापकों को तैनाती तो अलग डिग्री कॉलेज में दी जाएगी लेकिन इनका वेतन अलग डिग्री कॉलेज से आहरित किया जा सकेगा। आदेश के साथ संलग्न सूची के अनुसार सहायक प्राध्यापकों को नई टिहरी, अगस्त्यमुनि, जयहरीखाल, सोमेश्वर, कर्णप्रयाग, भिकियासैंण, गोपेश्वर, जैंती, रानीखेत, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़, लोहाघाट, उत्तरकाशी में तैनाती दी गई है। जबकि, इनमें से 14 सहायक प्राध्यापकों को वेतन हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज, तीन को बाजपुर डिग्री कॉलेज से निकलेगा।

अब निदेशालय से होगी संविदा प्राध्यापकों की तैनाती

राज्य के डिग्री कॉलेजों में रिक्त पदों पर अब संविदा प्राध्यापकों की तैनाती सीधे निदेशालय स्तर से होगी। ऐसे में प्राचार्य इनकी तैनाती नहीं कर सकेंगे। इस संबंध में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने आदेश जारी किए हैं। अब तक की व्यवस्था के अनुसार डिग्री कॉलेजों में प्राध्यापकों के पद खाली होने पर प्राचार्य अपने स्तर से संविदा व नितांत आवश्यक व्यवस्था में प्राध्यापकों की तैनाती कर सकते थे। ये अधिकार उन्हें शासन स्तर से दिया गया था। लेकिन शासन ने अब इस व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। प्रमुख सचिव की ओर से उच्च शिक्षा निदेशक को जारी आदेश के मुताबिक डिग्री कॉलेजों में प्राध्यापकों के पद खाली होने की स्थिति में निदेशालय स्तर से ही यूजीसी के मानकों के मुताबिक व्यवस्था में प्राध्यापकों की तैनाती करनी होगी।

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