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एशिया की दूसरी सबसे ऊंची लिफ्ट पेयजल योजना ठप, गर्मी में सूख रहे हैं लोगों के हलक

गर्मी के साथ ही पानी मांग भी बढ़ने लगी है। ऐसे में करोड़ों की यो नगर की मांग बारह एमएलडी और उपलब्ध है मात्र आठ एमएलडी पानी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 07:18 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 06:12 PM (IST)
एशिया की दूसरी सबसे ऊंची लिफ्ट पेयजल योजना ठप, गर्मी में सूख रहे हैं लोगों के हलक
एशिया की दूसरी सबसे ऊंची लिफ्ट पेयजल योजना ठप, गर्मी में सूख रहे हैं लोगों के हलक

पिथौरागढ़, जेएनएन : गर्मी के साथ ही पानी मांग भी बढ़ने लगी है। ऐसे में करोड़ों की लागत से बनी योजना के ठप हो जाने के कारण सवाल उठने लाजमी हैं। पिथौरागढ़ में बनी एशिया की दूसरी सबसे ऊंची पंपिंग घाट पेयजल योजना विगत कई माह से ठप पड़ी है। अस्सी करोड़ की आंवलाघाट पंपिंग पेयजल योजना के अस्तित्व में आने के बाद भी नगर की पेयजलापूर्ति सुचारु नहीं होने से सवाल उठने लगे हैं। एक तरफ नगर की मांग बारह एमएलडी है और उपलब्ध महज आठ एमएलडी पानी हो रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही एक लाख की आबादी के सामने पानी का संकट खड़ा हो गया है।

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जब बनी तब सुर्खियों में रहती थी योजना 
नगर के लिए अस्सी के दशक में एशिया की दूसरे नंबर की सबसे ऊंची घाट पंपिंग पेयजल योजना बनी। पहली बार नगर से तीस किमी दूर घाट में सरयू नदी से 456 मीटर की ऊंचाई से  पिथौरागढ़ नगर 1548 मीटर की ऊंचाई पर पानी लिफ्ट कर पहुंचाया गया। जब यह पानी नगर में पहुंचा तो कई दिनों तक जश्न मना। योजना का निर्माण करने वाले अभियंता नायक बन गए थे। यह भी चर्चा रहती थी कि यह एशिया की सबसे ऊंची पंपिंग पेयजल योजना है। नगर की जनता का  सपना योजना के अस्तित्व में आने के चंद वर्षो बाद भी बिखर गया। लिफ्ट पेयजल योजना होने के कारण इसके रखरखाव और बिजली पर निर्भरता से यह जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतरी। नगर गंभीर पेयजल संकटग्रस्त घोषित हो गया। योजना में विगत आठ से नौ माह के बीच पंप नहीं चले हैं। अलबत्ता संस्थान  मात्र डेढ़ माह से योजना को ठप बता रहा है।

सहायक योजना भी तोड़ती रही दम 
इस बीच ठूलीगाड़ पंपिंग योजना, रई पंपिंग योजना, भैलोत योजना बनी। जो सहायक योजना थी। ठूलीगाड़ पंपिग योजना का पानी अपनी गुणवत्ता को लेकर फेल हो गई। यह सब देखते हुए रामगंगा नदी से आंवलाघाट से पंपिंग पेयजल योजना स्वीकृत हुई। अस्सी करोड़ से अधिक लागत वाली आंवला घाट पंपिंग पेयजल योजना 12 एमएलडी की है। अभी इस योजना का कार्य पूरा भी नहीं हुआ है परंतु लगभग एक वर्ष पूर्व इसका उद्घाटन कर दिया गया। योजना अभी जल निगम के पास है। कार्य पूरा नहीं होने से अभी इसका हस्तांतरण जल संस्थान को नहीं हुआ है।

पांच से छह एमएलडी पानी दे रही है आंवलाघाट योजना
नवनिर्मित 12 एमएलडी वाली आंवलाघाट पंपिंग पेयजल योजना से मात्र पांच एमएलडी पानी मिल रहा है। योजना के इस पानी के चलते ही अभी स्थिति नियंत्रण में है। माना जाता है कि दो दिन आंवलाघाट पंपिंग योजना में जलापूर्ति बाधित हुई तो नगर में हाहाकार मच जाएगा।

डिमांड के अनुरूप नहीं हो रही आपूर्ति 
नगर की मांग 12 एमएलडी की है। नगर के लिए 12 एमएलडी की आंवलाघाट, छह एमएलडी की घाट पंपिंग योजना, डेढ़ एमएलडी की ठूलीगाड़ पंपिग योजना, .5 एमएलडी की रई पंपिंग योजना, भैलोंत ग्रेविटी योजना बनी हैं। नगर को मिल रहा है मात्र आठ एमएलडी पानी। जल संस्थान मानता है कि स्थिति नियंत्रण में है। दूसरी तरफ प्रतिदिन अलग-अलग वार्डों से पेयजल समस्या संस्थान के दावों की पोल खेल रहा है। खुद जल संस्थान के अधिकारी मानते हैं कि आंवलाघाट योजना से ही इस समय स्थिति काबू में है।

घाट पंपिंग योजना नौ माह से बंद
नगर की दूसरी सबसे बड़ी योजना घाट पंपिंग योजना है। घाट से पिथौरागढ़ तक ऑलवेदर सड़क निर्माण से योजना प्रभावित है। एनएच, संस्थान को एक करोड़ रु पये देने की बात करता है जल संस्थान इसे नकारता है। विभागों के इस खेल का परिणाम जनता भुगत रही है। भैलोंत पेयजल योजना ऐंचोली के पास क्षतिग्रस्त है।

पंपिंग पेयजल योजना ऑलवेदर सड़क के कारण बंद 
अशोक कुमार, ईई जल संस्थान पिथौरागढ़ ने बताया कि घाट पंपिंग पेयजल योजना विगत डेढ़ माह से ऑलवेदर सड़क के चलते बंद है। ठूलीगाड़ से पानी दे पाना संभव नहीं है। आंवलाघाट पंपिंग योजना का ही भरोसा है। रई, भैलोंत से सब मिला कर आठ एमएलडी पानी मिल पा रहा है। अभी स्थिति नियंत्रण में है। गर्मी बढऩे से स्थिति प्रभावित हो सकती है।

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