हड़ताल पर आशा वर्कर्स, दूसरे दिन ही ओपीडी से लेकर टीकाकरण पर पड़ा असर
शनिवार को दर्जनों आशा कार्यकर्ताओं ने तल्लीताल स्थित गांधी चैक पर एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन किया गया।
हल्द्वानी, जेएनएन: आशा कार्यकर्ताओं के दूसरे दिन कार्य बहिष्कार करने से कई कार्य प्रभावित होने लगे हैं। इसके बावजूद कार्यकर्ता अपनी मांग पर अड़े हैं। शनिवार को भी कार्यकर्ताओं ने महिला अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। उत्तराखंड आशा वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ. कैलाश पांडे ने कहा कि न्यूनतम वेतन समेत उनकी 11 मांगें सरकार को माननी चाहिए। नगर अध्यक्ष रिंकी जोशी ने कहा कि हम लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेज दिया है। इधर, जिले की 1100 आशा कार्यकर्ताओं के कार्य बहिष्कार पर जाने से दूर-दराज से महिला अस्पताल पहुंचने वाली गर्भवती परेशान हैं। उन्हें टीकाकरण करवाने से लेकर अन्य सुविधाएं दिलाने का काम प्रभावित हो रहा है। महिला अस्पताल की ओपीडी में ही जहां प्रतिदिन 100 से अधिक महिलाएं पहुंच जाती थी, वहीं इस समय यह संख्या 50 से 60 रह गई है। यही स्थिति टीकाकरण व अन्य जगहों पर भी है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पहले चरण में तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार किया गया है। फिर भी सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो आगे भी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने को बाध्य होना पड़ेगा। इस दौरान शांति शर्मा, हंसी बेलवाल, रेशमा, सरोज रावत, रीना बाला, प्रीति रावत, उमा दरमवाल, चंपा, भगवती, दीपा आर्य, गंगा आर्य, माया आदि शामिल रहे।
नैनीताल में आशाओं वर्कर्स का हल्ला बोल
मांगो को लेकर मुखर हुई आशा कार्यकर्ताओं का धरना शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। शनिवार को दर्जनों आशा कार्यकर्ताओं ने तल्लीताल स्थित गांधी चैक पर एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन किया गया। इस बीच उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया। आंदोलिन आशाओं ने कहा कि सरकार कोविड जैसी महामारी में भी कार्यकर्ताओं का शोषण कर रही है। लंबे समय से उनकी मांग चली आ रही है कि आशाओ को लॉकडाउन भत्ता दिया जाय और सरकारी सेवक का दर्जा मिले। यही नहीं आशा वर्कर्स ने न्यूनतम 11 हजार रुपये मासिक वेतन देने की मांग की है। जब तक राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक स्कीम वर्करों की भांति मनोदय दिया जाय। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तीन दिनों के भीतर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आशाओं द्वारा पूरे प्रदेश भर में अनिश्चित कालीन धरना दिया जाएगा। इस दौरान दुर्गा टम्टा, रमा गैड़ा, भगवती शर्मा, दीपा अधिकारी, कमला बिष्ट, चंद्रा सती, इंदु बाला, हेमा पाठक, दीपा कनवाल, अनीता, विमला आदि मौजूद रहे।
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