Move to Jagran APP

सैनिक गौतम की पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही मचा कोहराम, सैनिक सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

गौतम बहादुर (33) पुत्र स्व. मनोज बहादुर तीन कुमाऊं रेजीमेंट कोटा राजस्थान में तैनात थे। बुधवार को अवकाश में घर आते वक्त ट्रेन हादसे में उनकी मौत हो गई। उनकी पार्थिव देह को शुक्रवार को सेना के जवान तिरंगे में लिपटा कर उनके घर लाए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 09:27 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 09:27 PM (IST)
सैनिक गौतम की पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही मचा कोहराम, सैनिक सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
सैकड़ों लोगों ने नम आंखों के साथ गौरव को अंतिम विदाई दी।

जागरण संवाददाता, लोहाघाट : कोटा में ट्रेन हादसे में मारे गए तीन कुमाऊं रेजिमेंट के जवान गौतम बहादुर का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके घर लोहाघाट क गोरखानगर में लाया गया। पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। मां और पत्नी रो-रोकर बेहोश हो गए। सैकड़ों लोगों ने नम आंखों के साथ गौरव को अंतिम विदाई दी।

loksabha election banner

गोरखानगर निवासी गौतम बहादुर (33) पुत्र स्व. मनोज बहादुर तीन कुमाऊं रेजीमेंट कोटा राजस्थान में तैनात थे। बुधवार को अवकाश में घर आते वक्त ट्रेन हादसे में उनकी मौत हो गई। उनकी पार्थिव देह को शुक्रवार को सेना के जवान तिरंगे में लिपटा कर उनके घर लाए। अपने पुत्र का शव देख माता गोमती देवी व पत्नी रानू देवी बेहोश हो गई। जबकि छोटे भाई सौरभ बहादुर और थपस बहादुर  समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। तिरंगे के साथ लिपटे पार्थिव शरीर को ताबूत के साथ गोरखानगर से विभिन्न मार्गो से होते हुए संतदेश ले जाया गया जहां गोरखा समुदाय के रीति रिवाजों के साथ देह को समाधि दी गई। इस दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद वर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष महेश बोहरा, शेखर गोरखा, सभासद भुवन बहादुर, राजकिशोर शाह, भूपाल सिंह मेहता, राजेंद्र बहादुर, थानाध्यक्ष जसवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

दो माह पूर्व  छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर वापस गए थे गौतम  

मृतक जवान गौतम दो माह पूर्व ही छुट्टी बिताकर अपनी यूनिट को वापस गए थे। जल्द वापस लौटने का वादा करते हुए उन्होंने पत्नी, माता व भाई से अपना ध्यान देने को कहा था। चार वर्षीय बेटा काव्य पिता के शव को देखते ही दहाड़ें मारकर रो रहा था और ताबूत से लिपट गया। रेंजीमेंट में गौतम के साथ रहे जवान काकड़ निवासी नरेंद्र सिंह ने बताया गौतम सौम्य और मृदुल स्वभाव के थे। छुटटी आने से पूर्व गौतम रात में उनके साथ काफी देर तक बैठे और बातचीत की। नरेंद्र भी उसी दिन अपनी रेजीमेंट से छुट्टी पर आए थे। लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। नरेंद्र ने बताया कि डयूटी के दौरान भी वह हमेशा हंस मुख रहते थे। इधर, आठ माह पूर्व गौतम के पिता का निधन हुआ था। उनके जाने के बाद अब परिवार में दुखों का पहाड़ टूट गया है। मृतक जवान गौतम की पत्नी गर्भवती है। उनका दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में प्रसव होना है।

आठ कुमाऊं की टुकड़ी ने दी सलामी

आठ कुमाऊं पिथौरागढ़ से सुबेदार कुंडल सिंह के नेतृत्व में पहुंची सेना की टुकडी ने संतदेश में पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी। राजस्थान से पार्थिव शरीर को लेकर सुबेदार गोकरन सिंह व हवलदार सरेंद्र सिंह आए थे। मृतक  जवान की बटालियन में साथ रहने वाले नरेंद्र सिंह, दरवान सिंह, चतुर सिंह, एनसी जोशी भी इस दौरान मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.