छूटी आस : अरुण जेटली के साथ पर्यटन की संभावनाएं भी हुई धूमिल
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ भीमताल और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं को लेकर जो आस स्थानीय लोगों में जगी थी वह धूमिल हो गई।
भीमताल, जेएनएन : पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ भीमताल और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं को लेकर जो आस स्थानीय लोगों में जगी थी वह धूमिल हो गई। 10 सितंबर 2016 को तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली अपने परिवारजनों और तत्कालीन गर्वनर केके पॉल के साथ नौकुचियाताल के लेक रिसॉर्ट में पहुंचे थे। हालांकि उन्होंने निजी कार्यक्रम बताकर किसी से मिलने से इन्कार कर दिया था, पर रिसॉर्ट स्वामी महेंद्र वर्मा से मुलाकात की और आसपास की जानकारी ली थी। उस समय रिसॉर्ट स्वामी ने नौकुचियाताल और भीमताल तक कनेक्टिविटी को लेकर भीमताल और आसपास हवाई सेवा की सुविधा के साथ-साथ विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा और विद्यालयों को खोलने पर विचार करने का निवेदन किया था। वर्मा बताते हैं कि वित्त मंत्री ने प्रस्ताव पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था। उस समय वित्त मंत्री ने नौकुचियाताल की सुंदरता पर मोहित हुए थे और झील की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने की बात कही थी।
पसंद आया था पहाड़ी खाना
तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली ने लेक रिसॉर्ट में दिन का भोजन किया था। जिसमें पहाड़ी भोजन गहत की दाल उनको परोसा गया था, जो विशेष तौर पर पसंद आई थी। खाने के दौरान वित्त मंत्री ने पहाड़ी व्यंजनों के बारे में जानकारी जुटाई थी। मड़ुवे के आटे के बारे में उन्होंने विशेष जानकारी प्राप्त की। इधर उनके निधन की खबर आते ही पर्यटन कारोबारियों में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं भाजपा के स्थानीय नेताओं ने शोक सभा आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जेटली के निधन पर शोक में डूबे संगठन
नैनीताल : पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन पर भाजपा समेत अन्य संगठनों ने गहरा शोक प्रकट किया है। शनिवार दोपहर बाद नैनीताल क्लब में भाजपाइयों ने शोकसभा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके निधन को पार्टी के लिए गहरा आघात बताया। इसमें पूर्व दर्जा मंत्री शांति मेहरा, मनोज जोशी, अरविंद पडियार, भूपेंद्र बिष्टï, मोहित रौतेला, जगदीश बवाड़ी, प्रकाश नौटियाल आदि थे। विधायक संजीव आर्य ने जेटली के निधन को पार्टी व देश के लिए बड़ी क्षति करार देते हुए कहा कि उनकी भरपायी निकट भविष्य में संभव नहीं है। देश सदैव उनकी सेवाओं को याद रखेगा। वहीं कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा ने जेटली के निधन को राष्टï्रीय क्षति बताते हुए कहा कि जेटली ने राजनीति में विमर्श की जो परंपरा आरंभ की, उससे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुईं। देश की आर्थिक विकास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष श्याम नारायण ने भी शोक जताया है। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, सीएससी परेश त्रिपाठी, असिस्टेंट सॉलीसिटर जनरल राकेश थपलियाल, संजय भट्ट, ललित शर्मा, वीरेंद्र कपरूवाण, अपर महाधिवक्ता मोहन चंद्र पांडे, डॉ. महेंद्र पाल, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष पूरन सिंह बिष्टï, महासचिव जयवर्धन कांडपाल समेत अनेक अधिवक्ताओं ने जेटली के निधन को न्यायिक जगत व अधिवक्ता समाज के लिए भी आघात करार दिया है।
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