मौत के 14 दिन बाद गांव पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर, अंतिम विदाई देने को उमड़ी भीड़
चौदह दिन पूर्व सेना के मकालू चोटी आरोहण अभियान के दौरान बर्फ में दबकर हादसे का शिकार हुए कुमाऊं स्काउट के जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा।
बरम/पिथौरागढ़, जेएनएन : चौदह दिन पूर्व सेना के मकालू चोटी आरोहण अभियान के दौरान बर्फ में दबकर हादसे का शिकार हुए कुमाऊं स्काउट के जवान नारायण सिंह परिहार का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। जवान के अंतिम दर्शनों के लिए पूरा गोरीछाल क्षेत्र उमड़ पड़ा। गोरी और गोसी नदियों के संगम पर जवान की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।
सेना द्वारा चलाए गए मकालू चोटी आरोहण अभियान में कुमाऊं स्काउट में तैनात कनार गांव निवासी जवान नारायण सिंह परिहार भी शामिल थे। बताया जाता है उन्होंने चोटी का सफल आरोहण किया। वापसी में 16 मई को हिमस्खलन के चलते नारायण सिंह परिहार की बर्फ में दबकर मौत हो गई। तब से परिवारीजन पार्थिव शरीर की प्रतीक्षा कर रहे थे। दूसरी तरफ मकालू क्षेत्र में मौसम खराब होने से शव नहीं निकाला जा सका था। तीन दिन पूर्व जवान का शव मकालू से निकाल कर काठमांडू पहुंचाया गया। वहां से मंगलवार को शव दिल्ली पहुंचा। बुधवार सुबह हेलीकॉप्टर से शव को धारचूला कुमाऊं स्काउट में पहुंचाया गया। जहां से वाहन से 45 किमी दूर बरम लाया गया। जवान का पार्थिव शरीर पहुंचने की सूचना मिलते ही धारचूला, जौलजीवी, मदकोट , बंगापानी सहित पूरे गोरीछाल क्षेत्र की जनता अंतिम दर्शनों के लिए बरम पहुंच गई। कुमाऊं स्काउट के कर्नल आरएस बिष्ट के नेतृत्व में 82 जवान नारायण सिंह का पार्थिव शरीर लेकर बरम पहुंचे। पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। जवान के पिता वीर सिंह, माता मोतिमा देवी और पत्नी के करुण क्रंदन से वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गई। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। गोरी और गोसी नदी के संगम पर जवान के पिता वीर सिंह और आइटीबीपी में तैनात भाई देव सिंह परिहार ने चिता को मुखाग्नि दी। कुमाऊं स्काउट से जवानों ने शस्त्र उल्टे कर अंतिम विदाई दी।
सेना के अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी रहे मौजूद
जवान की अंत्येष्टि में सेना व प्रशासन के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। जिसमें कुमाऊं स्काउट के कर्नल आरएस बिष्ट, विधायक हरीश धामी, एसडीएम धारचूला वरु ण अग्रवाल, भाजपा नेता रु कुम सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान नवीन परिहार, पूर्व विधायक गगन रजवार, तहसीलदार एमसी मुनगली, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कर्नल श्याम सिंह आदि शामिल रहे।
बेटी के करुण क्रंदन से सभी की आंखें हुई नम
जवान का शव जैसे ही घर पर पहुंंचा तो उनकी बेटी ताबूत से लिपट गई। छोटी बालिका के रु दन से वहां मौजूद लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। माता और पत्नी अर्धमूच्छित हो गई। गांव की महिलाओं ने उन्हें संभाला।
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