पंचेश्वर में एंगलिंग सेंटर खोलने की मिली स्वीकृति, क्या होता है मछलियों के कैच एंड रिलीज का यह खेल
Angling Center In Pancheshwar पंचेश्वर में एंगलिंग सेंटर खोलने की स्वीकृति मिल गई है। शासन ने इसके लिए 98.15 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। एंगलिंग सेंटर के निर्माण से जनपद में पर्यटन विकास का पंख लगेंगे।
संवाद सहयोगी, चंपावत : Angling Center In Pancheshwar : एंगलिंग के लिए एशिया महाद्वीप में विशेष स्थान रखने वाले पंचेश्वर में एंगलिंग सेंटर खोलने की स्वीकृति मिल गई है। शासन ने इसके लिए 98.15 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है।
चालू वित्तीय वर्ष में 39.26 लाख रुपये की निदेशक पर्यटन निदेशालय उत्तराखंड को प्रदान कर दी गई है। एंगलिंग सेंटर के निर्माण से जनपद में पर्यटन विकास का पंख लगेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत दिनों जनपद भ्रमण के दौरान पंचेश्वर में एंगलिंग सेंटर की स्थापना करने की घोषणा की थी।
जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि कार्यदायी संस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा गठित आगणन 98.38 लाख का जनपद स्तर पर गठित टीएसी से परीक्षण कराने के बाद 98.15 लाख प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है।
जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि वर्तमान में जनपद के अंतर्गत सरयू और काली नदियों में कुल पांच एंगलिंग बीट को चयनित किया गया है। जिनको स्थानीय युवक मंगल दलों के माध्यम से चलाया जाना प्रस्तावित है। एंगलिंग सेंटर के निर्माण होने से पंचेश्वर क्षेत्र में आगमन करने वाले पर्यटकों को सुविधा प्राप्त होगी। इसस स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने बताया कि जिला योजना 2022-23 में भी एंगलिंग प्रशिक्षण एवं उपकरणों को खरीदने के लिए दो लाख की धनराशि अनुमोदित की गई है। जिसका उपयोग क्षेत्र वासियों को स्वरोजग़ार के लिए प्रेरित करने में किया जाएगा। एंगलिंग की दृष्टि से पंचेश्वर एशिया महाद्वीप में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। यहां आधारभूत सुविधाओं के अभाव के बाद भी प्रतिवर्ष 200 से 250 एंगुलर आते रहते हैं।
एंगलिंग सेंटर बनने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। पंचेश्वर, सरयू एवं महाकाली नदी के संगम पर है। सरयू नदी का पानी गर्म रहता है जबकि हिमस्रोत की नदी होने के कारण महाकाली नदी का पानी प्राकृतिक रूप से बहुत ठंडा है।
अक्टूबर से दिसंबर तक तथा फरवरी से जून तक यहां का वातावरण महाशीर मछली के एंगलिंग के लिए काफी उपयुक्त रहता है। पर्यटन विभाग द्वारा सरयू व महाकाली नदी में पंचेश्वर संगम से धर्माघाट, घाट पुल से चमगाड़, चमगाड़ से मल्ली पन्थ्यूडा, मल्ली पन्थ्यूडा से संगम तक तथा सीम से चूका तक पांच एंगलिंग केंद्र चयनित किए गए हैं।
पंचेश्वर में हैं 70 से 80 किलो ग्राम वजनी महाशीर मछलियां
सरयू व काली नदी के संगम पर सुनहरी महाशीर मछलियां पाई जाती हैं। यहां पाई जान वाली मछलियों का वजन 80 से 90 किलो तक है। महाशीर संरक्षण समिति के अध्यक्ष होशियार सिंह ने बताया कि यहां 80 से 90 किलो वजनी महाशीर मछलियां हैं। जिन्हें पकडऩे में एंगुलरों की रॉड तक टूट जाती है। संगम की गहराई लगभग चालीस फिट है। महाशीर जुलाई से सितंबर के बीच ब्रीडिंग के लिए सरयू नदी की ओर आती है। सरयू में उन्हें पर्याप्त भोजन भी मिलता है।
क्या होती है एंगलिंग
एंगलिंग एक प्रकार की जल क्रीड़ा है। जिसमें वैज्ञानिक तरीके से मछली पकड़कर उसकी फोटोग्राफी करने एवं वजन नापने के बाद पुन: सकुशल नदी में छोड़ दिया जाता है। मछलियों के कैच एंड रिलीज के खेल में एंगुलरों को बेहद मजा आता है।
जितनी बड़ी मछली पकड़ी जाएगी उस एंगुलर का रुतबा उतना ही बढ़ जाता है। वर्ष 2002 में कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा यहां अंतरराष्ट्रीय एंगलिंग एवं राफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें दर्जनों देशी विदेशी एंगुलरों ने हिस्सा लिया था।