डेयरी फेडरेशन में चयन समिति की संस्तुति के आधार पर नियुक्त करें एमडी : हाईकोर्ट
समिति ने जिसकी नियुक्ति की संस्तुति की थी जब उसकी फाइल विभागीय मंत्री के पास फाइल पहुंची तो मंत्री ने समिति की संस्तुति को दरकिनार कर संयुक्त निदेशक दुग्ध विकास जयदीप अरोड़ा को एमडी नियुक्त करने के आदेश कर दिए जबकि अरोड़ा ने आवेदन ही नहीं किया था।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन में चयन समिति की संस्तुति के अनुसार प्रबंध निदेशक के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी। दरअसल, समिति ने जिसकी नियुक्ति की संस्तुति की थी, जब उसकी फाइल विभागीय मंत्री के पास फाइल पहुंची तो मंत्री ने समिति की संस्तुति को दरकिनार कर संयुक्त निदेशक दुग्ध विकास जयदीप अरोड़ा को एमडी नियुक्त करने के आदेश कर दिए, जबकि अरोड़ा ने आवेदन ही नहीं किया था।
डेयरी फेडरेशन ने सात अक्टूबर 2020 को अमूल की तर्ज पर फेडरेशन में प्रोफेशनल एमडी की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस पद के लिए 20 लोगों ने आवेदन किया, जिसके बाद चयन समिति ने तीन आवेदकों को शार्ट लिस्ट किया। इसमें अमूल में जीएम पद पर गांधीनगर में कार्यरत मनोहर सिंह टाप पर थे। जिसके बाद समिति ने मनोहर की नियुक्ति की संस्तुति कर दी। जब विभागीय मंत्री के पास फाइल पहुंची तो मंत्री ने समिति की संस्तुति को दरकिनार कर संयुक्त निदेशक दुग्ध विकास जयदीप अरोड़ा को एमडी पद पर नियुक्त करने के आदेश कर दिए।
मामला वापस दुग्ध निदेशालय पहुंचा तो पता चला कि अरोड़ा ने एमडी पद के लिए आवेदन ही नहीं किया था और फेडरेशन का एमडी डेयरी विभाग का निदेशक होता है। जबकि अरोड़ा संयुक्त निदेशक थे। इसके बाद विभाग ने आपत्ति लगा दी। इसी बीच हाई कोर्ट में अभिषेक नामक व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर कर इस नियुक्ति को चुनौती दी तो सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि फिलहाल अस्थायी व्यवस्था के तहत तैनाती की गई है और नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। इसी बीच मनोहर सिंह ने भी हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सोमवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की।