नन्धौर सेंक्चुरी के इको सेंसेटिव जोन में संचालित स्टोन क्रशर मामले में सरकार से मांगा जवाब
हाइकोर्ट ने नन्धौर अभ्यारण में संचालित लक्ष्मी स्टोन क्रेशर व आरजे एसोसिएट को बंद कराने सम्बन्धित याचिका पर सुनवाई पर मंगलवार को सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाइकोर्ट ने नन्धौर वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन के 2.3 किलोमीटर की परिधि में संचालित लक्ष्मी स्टोन क्रेशर व आरजे एसोसिएट को बंद कराने सम्बन्धित याचिका पर सुनवाई पर मंगलवार को सुनवाई की। मामले कोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
कमला पोखरिया निवासी उमेदपुर चोरगलिया ने याचिका दायर कर कहा है कि जिला अधिकारी नैनीताल ने माननीय उच्च न्यायलय व एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं कर उक्त दोनों स्टोन क्रेशरों को इको सेंसेटिव जोन में खनन व भंडारण की अनुमति दी गयी है । जबकि उच्च न्यायलय ने अपने आदेश दिनांक तीन जून 2018 को कहा था कि ऐसे क्षेत्र जो राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण की परिधि में आते हैं, उसके 10 किलोमीटर परिधि में किसी भी तरफ के खनन व भंडारण पर रोक रहेगी ।
इसी आदेश के अनुपालन में नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने 4 जनवरी 2019 को आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि जिलाधिकारी के आदेश पर रोक लगाई जाय और दोनों स्टोन क्रेशरों को बंद किया जाए। इनके संचालन से वन्य जीवों के साथ साथ उस क्षेत्र में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मामले में कोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
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