Move to Jagran APP

पंतनगर न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट निर्माण पर प्रदेश व केंद्र सरकार से जवाब तलब

पंत कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर की भूमि पर न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने प्रदेश व केंद्र सरकार के साथ ही पंत विवि को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब कर लिया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 07:27 PM (IST)
पंतनगर न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट निर्माण पर प्रदेश व केंद्र सरकार से जवाब तलब
विवि के अंदर एयरपोर्ट बनने से कृषि शोध व बीज उत्पादन आधा रह जाएगा।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने जीबी पंत कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर की भूमि पर न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने प्रदेश व केंद्र सरकार के साथ ही पंत विवि को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब कर लिया।  अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में ऊधमसिंह नगर निवासी केशव पासी ने जनहित याचिका दायर की है।

loksabha election banner

इसमें उन्होंने कहा है कि पिछले दो दशक में राज्य सरकार ने विवि की चार हजार तीन सौ एकड़ उपजाऊ भूमि को गैर कृषि कार्य के लिए ले लिया। विवि के पास अब कृषि शोध के लिए सीमित भूमि ही बची है। इसमें से भी 1072 एकड़ भूमि नए एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित की गई है, यह जमीन मौजूदा पंतनगर एयरपोर्ट से तीन किमी दक्षिण में विवि परिसर में है। विवि के अंदर एयरपोर्ट बनने से कृषि शोध व बीज उत्पादन आधा रह जाएगा। दोनों एयरपोर्ट के विमानों व सिडकुल की फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक कार्बन से विवि का अनुसंधान कार्य बुरी तरह से प्रभावित होगा।

 याचिका में कहा गया है कि कृषि विवि परिसर की इस भूमि पर फसल की सघनता तीन सौ से चार सौ प्रतिशत है। यहां किसानों से अनुबंध कर उनसे बीज तैयार करवाए जाते हैं। सीड प्लांट उद्यमी, टीडीसी व तराई के हजारोंं किसानों के सहयोग से प्रमाणिक बीज तैयार होते हैं जो देश की 25 फीसद बीज जरूरत को पूरी करते हैं।

 याचिकाकर्ता के अनुसार राजस्व परिषद की रिपोर्ट के अनुसार नैनीताल-ऊधमसिंह नगर जिले में 76, 842 एकड़ भूमि बंजर  है। राज्य गठन के बाद 1,96, 542 हेक्टेयर खेती की जमीन कम हो चुकी है। खाली पड़ी बंजर व बेकार भूमि पर कहीं भी एयरपोर्ट बनाया जा सकता है। नए प्रस्तावित एयरपोर्ट की वर्तमान एयरपोर्ट से हवाई दूरी तीन किमी है। हालांकि यात्रियों को 13.60 किमी सड़क मार्ग की दूरी तय करनी होगी। यदि विवि के प्रांगण में एयरपोर्ट का निर्माण होगा तो विवि की अस्मिता व ब्रांड वैल्यू समाप्त हो जाएगी। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद राज्य, केंद्र व जीबी पंत विवि से दो सप्ताह में जवाब तलब कर लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.