सिडकुल में एक और फैक्ट्री एमकोर फ्लैक्सिबल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर लगा ताला NAINITAL NEWS
सिडकुल औद्योगिक पार्क की एमकोर फ्लेक्सीबल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर ताला लग गया है। फैक्ट्री गेट पर कंपनी के बंद होने का नोटिस चस्पा कर दिया है।
सितारगंज (ऊधमसिंह नगर) जेएनएन : सिडकुल औद्योगिक पार्क की एमकोर फ्लैक्सिबल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर ताला लग गया है। फैक्ट्री गेट पर कंपनी के बंद होने का नोटिस चस्पा कर दिया है। पैकेजिंग करने वाली इस फैक्ट्री में 114 श्रमिक कार्यरत थे, जो सोमवार को बेरोजगार हो गए। बिना पूर्व सूचना के कंपनी को बंद किए जाने से श्रमिक भड़क उठे। उन्होंने फैक्ट्री गेट पर जमकर हंगामा काटा। प्रदर्शन कर फैक्ट्री को बंद करने का विरोध किया।
वर्ष 2006-07 में कंपनी ने यहां पर अपना प्लांट लगाया था। इस फैक्ट्री में फ्लैक्सिबल पैकेजिंग का काम होता है। फैक्ट्री में 79 कर्मचारी ऑनरोल थे, जबकि 35 कर्मचारी कांट्रेक्ट पर कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि कंपनी बंद करने की भनक कंपनी प्रबंधन ने किसी को भी नहीं लगने दी। शनिवार को कंपनी प्रबंधन और कर्मचारियों की बैठक हुई थी। इसमें सुुरक्षा के साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। कंपनी बंद करने की कोई बात प्रबंधन की ओर से नहीं बताई गई। रविवार को अवकाश का दिन होने के बाद जब सोमवार को कर्मचारी काम के लिए कंपनी पहुंचे तो गेट पर ताला लटका था। गेट पर बंदी का नोटिस चस्पा था। नोटिस पर 26 जुलाई की तारीख अंकित थी। बंदी का नोटिस देख कर्मचारियों के पैर के नीचे की जमीन खिसक गई। हैरान-परेशान कर्मचारियों ने फैक्ट्री गेट पर हंगामा काटना शुरू कर दिया। कंपनी प्रबंधन ने उनके साथ धोखा किया है। इसके बाद सभी कर्मचारी गेट के सामने बैठकर कंपनी प्रबंधन के विरोध में धरना प्रदर्शन करने लगे।
ऑस्ट्रेलिया में है कंपनी का मुख्यालय
बंद हुई कंपनी बहुराष्ट्रीय थी। इसका मुख्यालय ऑस्ट्रेलिया में है। भारत में इसके सात प्लांट हैं। भारत में इसका मुख्यालय मुम्बई में है, जबकि एशिया का मुख्यालय सिंगापुर में है। विश्व में कंपनी के लगभग ढाई सौ प्लांट है।
तीन साल से आर्डर मिलने हो गए थे कम
कंपनी तीन साल से घाटे की ओर जा रही थी। कंपनी के पास वर्कआर्डर कम मिल रहे थे। बताते हैं कि यहां जब प्लांट लगा था तब 350 टन से अधिक का वर्क आर्डर होता था, लेकिन तीन साल से वर्क आर्डर मे बहुत कमी आने लगी थी। वर्क आर्डर 90 टन ही रह गया था। एक साल से तो यह 90 टन से भी कम रह गया था। माना जा रहा कि लगातार कम हो रहा वर्कआर्डर की वजह से ही कंपनी प्रबंधन ने प्लांट को बंद करने का फैसला किया है।
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