Move to Jagran APP

पहाड़ से पलायन रोक 300 से अधिक लोगों को उद्यमी बना चुकी अंजली नबियाल

पिथौरागढ़ के धारचूला निवासी अंजली नबियाल पलायन रोकने को बीते पांच वर्षों से जुटी हुई है। वह अब तक 300 से अधिक लोगों को उद्यम की राह दिखा चुकी हैं। अब युवाओं को व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों में पृष्ठभूमि उपलब्ध कराने की योजना पर वह कार्य कर रही है।

By kishore joshiEdited By: Skand ShuklaPublished: Mon, 03 Oct 2022 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 08:30 AM (IST)
पहाड़ से पलायन रोक 300 से अधिक लोगों को उद्यमी बना चुकी अंजली नबियाल
पहाड़ से पलायन रोक 300 से अधिक लोगों को उद्यमी बना चुकी अंजली नबियाल

नरेश कुमार, नैनीताल : उच्च शिक्षा लेकर बड़े शहरों में नौकरी करते हुए पलायन रोकने की चर्चा कर शुमार होना प्रदेश के युवाओं के लिए आम हो गया है। मगर कुछ ऐसे युवा भी है जो पहाड़ का दर्द समझकर पलायन की रोकथाम का जरिया बने हुए हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला निवासी अंजली नबियाल भी पलायन रोकने को बीते पांच वर्षों से जुटी हुई है।

loksabha election banner

उद्यम संस्था के माध्यम से अंजली न सिर्फ युवाओं का पलायन रोकने में सफल हुई है, बल्कि युवाओं को उद्यमी बनाकर प्रगति और सफलता की दिशा दिखा रही है। बतौर को फाउंडर संस्था में कार्य कर रही अंजली अब तक 300 से अधिक लोगों को उद्यम की राह दिखा चुकी हैं। अब युवाओं को व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों में पृष्ठभूमि उपलब्ध कराने की योजना पर वह कार्य कर रही है।

मूल रूप से धारचूला के नाबी गांव निवासी अंजली नबियाल बताती हैं कि वह दिल्ली में ही पली बढ़ी हैं। प्राम्भिक पढ़ाई के बाद दिल्ली से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसी बीच एक एनजीओ में बतौर वालेंटियर काम करने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में समस्याओं पर कार्य किया।

जब दिल्ली जैसे बड़े शहर के सरकारी स्कूलों की समस्याओं को देखा तो उत्तराखंड के दूर दराज के स्कूलों की समस्याएं उन्हें पहाड़ जैसी लगने लगी। जिसके बाद टीच फॉर इंडिया प्रोग्राम के तहत उन्होंने बिहार में 13 माह तक कार्य किया। जिसके बाद उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कुछ बेहतर करने का मन बनाकर वह यहां आ गईं।

2017 में पंकज बधवा और कुछ अन्य युवाओं के साथ मिलकर उन्होंने उद्यम संस्था शुरू की। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमी तैयार कर उन्हें नॉन बैंकिंग कंपनियों से संस्था के जरिये ऋण दिलाया जा रहा है। अब तक नैनीताल, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले में वह 300 से अधिक लोगों का उद्यम शुरू करवा चुकी हैं।

संस्था बनती है जरिया, प्रशिक्षण भी कराती है मुहैया

रोजगार की कमी से जूझ रहे युवाओं के सामने स्वरोजगार करने का मन तो है, मगर रोजगार शुरू करने में पूंजी उपलब्ध न होना बड़ी समस्या बन रही है। युवाओं को पूंजी के लिए ऋण संबंधित फाइल लेकर बैंकों के चक्कर काटने पड़ते है। अंजली बताती है कि ऋण मिलने की इन परेशानियों को देखते हुए ही उन्होंने उद्यम संस्था के साथ बाहरी शहरों की बड़ी कंपनियों को अपने साथ जोड़ा।

जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के प्रस्तावों को संस्था के माध्यम से नॉन बैंकिंग कंपनियों को भेजा जाता है। इन कंपनियों को गारंटर और अन्य प्रक्रियाएं संस्था उपलब्ध कराती है। आसान प्रक्रिया से ऋण उपलब्ध कराने के बाद युवाओं को संबंधित कार्यक्षेत्र के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उद्यम शुरू होने के बाद संस्था की टीम लगातार मॉनेटरिंग करती रहती है।

युवाओं को अन्य पृष्ठभूमि उपलब्ध कराने की भी है योजना

अंजली ने बताया कि उद्यम प्रोग्राम के अलावा क्षेत्र के फाइन आर्ट की पढ़ाई कर चुके युवाओं के लिए पहाड़ के रंग प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है। जिसमें फिलहाल 35 युवा जुड़े हुए है। इस प्रोग्राम के तहत प्रदर्शिनी के जरिये 15 लाख की पेंटिंग सेल करवाई गई है। अब खेल, थियेटर समेत अन्य क्षेत्रों में भविष्य तलाश रहे युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की कवायद की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.