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जीआइसी के दो कमरों में चल रहा अमोड़ी डिग्री कॉलेज, दो साल में जाकर बनी पहली मंजिल

दो वर्ष पूर्व कॉलेज भवन का निर्माण शुरू किया गया जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। पहली मंजिल बन जाने के बाद अब दूसरी मंजिल के निर्माण पर ब्रेक लग गया है। दो कमरों में 152 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 07:22 PM (IST)
जीआइसी के दो कमरों में चल रहा अमोड़ी डिग्री कॉलेज, दो साल में जाकर बनी पहली मंजिल
विधायक कैलाश गहतोड़ी ने बताया कि अमोड़ी डिग्री कॉलेज का भवन आगामी सत्र से पहले तक तैयार कर लिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर अमोड़ी में डिग्री कालेज तो खोल दिया गया पर यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षण देने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। दो वर्ष पूर्व कॉलेज भवन का निर्माण शुरू किया गया जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। पहली मंजिल बन जाने के बाद अब दूसरी मंजिल के निर्माण पर ब्रेक लग गया है। कॉलेज भवन समेत स्टॉफ का टोटा होने से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। कॉलेज की स्थापना वर्ष 2015 में राजकीय इंटर कॉलेज भवन के दो कमरों में की गई थी। वर्तमान में इन्हीं दो कमरों में 152 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं।

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वर्ष 2018 में लधिया नदी के समीप जमीन चयनित कर भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। कार्य की धीमी रफ्तार के कारण पहली मंजिल के निर्माण में ज्यादा समय लग गया, अब दूसरी मंजिल का निर्माण कार्य रुक गया है। भवन निर्माण की धीमी गति से नाराज कॉलेज के छात्र कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं। तीन माह पूर्व छात्रों का शिष्टमंडल निर्माण कार्य में तेजी लाए जाने की मांग को लेकर विधायक कैलाश गहतोड़ी से मिला था। तब विधायक ने भी कार्यदायी संस्था को भवन निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इस समय कॉलेज में बीए की तीनों कक्षाओं में 152 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।

प्रधानाचार्य समेत छह प्रवक्ताओं की तैनाती है, जिनमें तीन स्थाई और तीन वैकल्पिक व्यवस्था में रखे गए हैं। अंग्रेजी व संस्कृत के प्रवक्ता न होने से पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। भवन निर्माण के लिए शासन से स्वीकृत तीन करोड़ 20 लाख में से अब तक एक करोड़ 60 लाख रुपये कार्यदायी संस्था यूपी निर्माण निगम को मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक पहली मंजिल ही पूरी तरह कंपलीट हो सकी है।

कॉलेज की पहली छात्रसंघ अध्यक्ष रही मनीषा चौहान ने बताया कि अमोड़ी में महाविद्यालय नहीं था तो छात्र-छात्राओं को उच्‍च शिक्षा के लिए चम्पावत, लोहाघाट व टनकपुर जाना पड़ता था। कॉलेज बनने के बाद छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल रहा है, प्रति वर्ष दूर दराज से आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या भी बढ़ रही है। लेकिन भवन निर्माण न होने से सीमित छात्रों को ही प्रवेश दिया जा रहा है, जिससे उनकी दिक्कत कम नहीं हो रही है।

आगामी सत्र तक तैयार हो जाएगा भवन

विधायक कैलाश गहतोड़ी ने बताया कि अमोड़ी डिग्री कॉलेज का भवन आगामी सत्र से पहले तक तैयार कर लिया जाएगा। उच्‍च शिक्षामंत्री ने इसकी प्रतिबद्धता जताई है। कॉलेज भवन निर्माण के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया किकि कॉलेज की पहली मंजिल बनकर तैयार हो गई है। भवन के साथ कार्यालय, पुस्तकालय, फर्नीचर, कक्षा कक्ष आदि का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।

कोविड के कारण दूसरी मंजिल के निर्माण की रफ्तार धीमी हुई है लेकिन निर्माण कार्य बंद हो गया हो ऐसा नहीं है। महाविद्यालय भवन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। कॉलेज में शिक्षकों व अन्य स्टॉफ की कमी दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। भवन बन जाने के बाद सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर ली जाएंगी। कुछ व्यवस्थाएं खाली पड़े ग्राम पंचायत भवन से संचालित की जा रही हैं।


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