Move to Jagran APP

आयरन की गोली से बीमार छात्राओं के लिए नहीं पहुंची एंबुलेंस, पिकअप से लाया गया

ककोडग़ांजा में आयरन फॉलिक एसिड खाने से बीमार छात्राओं को 40 किलोमीटर तक प्राथमिक इलाज तक नसीब नहीं हो सका। यहां तक कि एबुंलेंस भी समय पर नहीं पहुंची।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 12:24 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 12:24 PM (IST)
आयरन की गोली से बीमार छात्राओं के लिए नहीं पहुंची एंबुलेंस, पिकअप से लाया गया
आयरन की गोली से बीमार छात्राओं के लिए नहीं पहुंची एंबुलेंस, पिकअप से लाया गया

हल्द्वानी, जेनएन : ककोडग़ांजा में आयरन फॉलिक एसिड खाने से बीमार छात्राओं को 40 किलोमीटर तक प्राथमिक इलाज तक नसीब नहीं हो सका। यहां तक कि एबुंलेंस भी समय पर नहीं पहुंची, जिसके चलते परिजन छात्राओं को पिकप में बैठाकर एसटीएच ले लाए। शुक्र है इन छात्राओं की जान बच गई। अक्सर इस तरह की घटनाओं में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल जाती है। इसके बावजूद जिम्मेदार मौन ही रहते हैं।

loksabha election banner

बाद में आधे रास्ते पहुंची एंबुलेंस

गांव में एक के बाद एक लगातार छात्राएं बीमार होने लगी। गांव में अफरा-तफरी मच गई। परिजन परेशान होने लगी। इस दौरान एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन नसीब नहीं हो सकी। ग्रामीणों ने पिकप का इंतजाम किया। उसी में दरी बिछाई और छात्राओं को लेटाया। इलाज के लिए हल्द्वानी की तरफ चल दिए। 22 छात्राओं को पिकप में लाया गया। इसके बाद एंबुलेंस रौशिंल तक ही पहुंची। वहां से एंबुलेंस से बच्चे एसटीएच पहुंचे।

अपनों को ढूंढ रही सहमी छात्राओं की निगाहें

एक के बाद एक 47 छात्राओं के एसटीएच पहुंचने पर माहौल में अफरा-तफरी मच गई। इसे देखकर परेशान छात्राएं सहम गई। डॉक्टर इलाज के लिए पहुंचे, लेकिन सहमी छात्राओं की निगाहें अपनों को तलाशने लगी।

एसटीएच में भर्ती बच्चे

पुष्पा, भगवती, बसंती, ज्योति, दीपा, कमला, गंगा, पप्पू, पंकज, बबलू, ललित, कमल, मनोज, दिनेश, संदीप, हेमा, ममता, कविता, शीलू, चंदू, तुलसी, खुशबू, बसंती, बबीता, सरुली, देवकी, निशा, गीता, हेमा, सोनू, हेमा, ममता, पप्पू, बबलू, पुष्पा, श्रृति, नीतू, गीता, दीपा, भगवती, निशा समेत 47 बच्चे एसटीएच में भर्ती हैं।

एक दूसरे को देख बेहोश होते गए बच्चे : प्रधानाचार्य

विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रकांत पांडे ने बताया कि वह सातवें पीरियड में खेल करा रहे थे। इतने में एक बच्चा आया और बोला कि छात्रा बसंती बेहोश हो गई है। जब वह कक्षा-10 में पहुंचे तो छात्रा बसंती अपना सिर पकड़कर बैठी थी और जोर-जोर से रोने लगी और अचानक बेहोश हो गई। इसके बाद धीरे-धीरे बच्चे शोर मचाने लगे और पेट पकड़कर बेहोश होते चले गए।

अनिवार्य खिलानी होती है दवा

शासन के निर्देशानुसार छह से 19 वर्ष के बच्चों को प्रत्येक माह के पहले सोमवार को आयरन फोलिक एसिड की गोली खिलाना अनिवार्य होता है। बच्चों में खून की कमी न हो, इसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारी की देखरेख में दवा देनी होती है।

मामला गंभीर है कराई जाए जांच : विधायक

विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा कि मामला गंभीर है। इतने बच्चे एक साथ बीमार होना लापरवाही है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो। साथ ही उन्होंने दवा के सैंपल लेकर भी जांच कराने की मांग की है।

भोजन के बाद खिलाई थी दवा

सहायक अध्यापक जितेंद्र सिंह राणा ने बताया कि बच्चों को मिड डे मील के बाद 11 बजे दवा खिलाई थी। तब सभी बच्चे ठीक थे। सातवें वादन में अपराह्न करीब तीन बजे कक्षा दस की बसंती अचानक दर्द हुआ। इसके बाद वह नीचे बैठकर रोने लगी। तभी सभी बच्चे उसे देखने दौड़े। जब मामला समझ में आता, तब तक एक-दूसरे को देखकर छात्राएं बेहोश होने लगी।

यह भी पढ़ें : प्रो. ओपीएस नेगी बने ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति, जानिए उनके बारे में

यह भी पढ़ें : 27 फरवरी को देख सकते हैं बुध ग्रह की खूबसूरती को, सूर्य से बढ़ेगी दूरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.