17 घंटे अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर थमी रही रफ्तार, खतरा अब भी बरकार
आपदा के बाद से अल्मोड़ा-हल्द्वानी के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। बीती शाम लोहाली में मलबा आने के बाद काकड़ीघाट क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन होने से आवाजाही ठप हो गई। एहतियातन रूट डायवर्ट कर दिया गया। 18 घंटे बाद बमुश्किल आवाजाही सुचारु हो सकी।
संवाद सहयोगी, गरमपानी : आपदा के बाद से अल्मोड़ा-हल्द्वानी के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। बीती शाम लोहाली में मलबा आने के बाद काकड़ीघाट क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन होने से आवाजाही ठप हो गई। एहतियातन रूट डायवर्ट कर दिया गया। 18 घंटे बाद बमुश्किल आवाजाही सुचारु हो सकी। लेकिन हाईवे पर खतरा अब भी बना हुआ है। ऐसे में प्रशासन आवागमन करने वालों से एहतियात बरतने की अपील कर रहा है।
भारी बारिश के बाद से जगह-जगह भूस्खलन होने से हाईवे पर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बीती शाम हाईवे पर काकड़ीघाट क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन होने से मलबा व बोल्डर हाईवे पर आगे गिरे। संयोगवश कोई यात्री वाहन चपेट में नहीं आया और बड़ा हादसा टल गया। एनएच विभाग ने पोकलैंड व लोडर मशीन की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया पर भारी मलवा होने तथा पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने से बार-बार कार्य प्रभावित हुआ ऐसे में पहाड़ से तराई जाने वाले वाहनों को वाया रानीखेत तथा तराई से पहाड़ जाने वाले वाहनों को भवाली से डायवर्ट कर दिया गया। कई बड़े वाहन रात भर फंसे रहे। बुधवार सुबह करीब 11बजे के आसपास मलबा हटाया जा सका तब जाकर यातायात सुचार हुआ। वहीं दोपांखी क्षेत्र में अभी भी हालात बिगड़े हुए हैं।
मंगलवार को भी कई बार लगा जाम
बीते सोमवार व मंगलवार को मूसलधार बारिश के बाद उफान पर आई नदियां अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे के लिए कहर बनकर टूटी। दोपांखी के पास हाईवे का कई सौ मीटर हिस्सा शिप्रा नदी में समा गया। यहां पर बमुश्किल पहाड़ी काट वाहनों की आवाजाही सुचारु करवाई गई। मंगलवार को सड़क पर गिरे विशालकाय बोल्डर को हटाने के लिए एनएच को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। भारी भरकम मशीनों से बोल्डर हटाने का प्रयास किया गया। इस दौरान कई बार जाम लगा रहा। पुलिसकर्मी एक एक कर वाहनों को निकालते रहे। देर शाम तक खैरना बाजार तक वाहनों की कतार लग गई और वाहन रेंगते रहे। बमुश्किल शाम तक आवाजाही सुचारू हो सकी।