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अल्‍मोड़ा में फर्जी अंकपत्र के सहारे आठ वर्षों से कर रहा था शिक्षामित्र की नौकरी, विभाग ने आरोपित को जिला मुख्यालय किया तलब

मामला सुर्खियों में आने के बाद विभाग ने जांच के लिए अंकपत्र उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर भेजा वहां से उसे अवैध करार दिया गया है। खास बात कि सल्ट प्रकरण के बाद जनपद भर में बेसिक संवर्ग के 2400 अभिलेखों की गहन तहकीकात में यह पहला मामला है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 09:24 AM (IST)
अल्‍मोड़ा में फर्जी अंकपत्र के सहारे आठ वर्षों से कर रहा था शिक्षामित्र की नौकरी, विभाग ने आरोपित को जिला मुख्यालय किया तलब
ताड़ीखेत विकासखंड के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात एक शिक्षा मित्र का इंटरमीडिएट का अंकपत्र फर्जी मिला है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : जिले में फर्जी कागजात के जरिये शिक्षा विभाग में नौकरी का एक और मामला पकड़ में आया है। ताड़ीखेत ब्लाक के एक प्राथमिक विद्यालय में पिछले आठ वर्षों से कार्यरत शिक्षामित्र के 12वीं कक्षा का अंकपत्र फर्जी मिला है। मामला सुर्खियों में आने के बाद विभाग ने जांच के लिए अंकपत्र उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर भेजा, वहां से उसे अवैध करार दिया गया है। खास बात कि सल्ट प्रकरण के बाद जनपद भर में बेसिक संवर्ग के 2400 अभिलेखों की गहन तहकीकात में अब तक यह पहला मामला है। हरकत मेें आए विभाग ने आरोपित शिक्षा मित्र को मूल प्रमाणपत्रों के साथ मुख्यालय तलब कर लिया है।

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शिक्षा विभाग में फर्जी कागजातों के जरिये शिक्षा मित्र की नौकरी हासिल करने का मामला सामने आने के बाद हलचल बढ़ गई है। बीते रोज बात खुलने पर खंड शिक्षा कार्यालय ने तुरत फुरत रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेज दी थी। ताकि जांच कर वास्तविकता का पता लगाया जा सके। इधर विभागीय अधिकारियों ने खुलासा किया है कि प्रथम दृष्टïया ताड़ीखेत विकासखंड के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात एक शिक्षा मित्र का इंटरमीडिएट का अंकपत्र फर्जी मिला है। हालांकि विभाग ने जांच पूरी होने तक प्राथमिक स्कूल व तैनात शिक्षा मित्र के नाम गोपनीय रखे हैं।

वर्ष 2012 में ली थी तैनाती

शिक्षा मित्र ने ताड़ीखेत ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2012 में तैनाती ली थी। याद रहे कि फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे शिक्षा विभाग में नौकरी के सल्ट विकासखंड में एक प्रकरण सामने आने के बाद बेसिक संवर्ग के शिक्षकों के सभी अभिलेखों की बीते माह जांच शुरू कर दी गई थी। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की पड़ताल अभी जारी है। विभिन्न विकासखंडों से 12,395 प्रमाणपत्र विभाग की ओर से संबंधित संस्थाओं को भेजे जा चुके हैं। अब तक 2400 प्रमाणपत्र जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय वापस पहुंच चुके हैं। इनमें से ताजा मामला ताड़ीखेत ब्लाक में कार्यरत शिक्षामित्र का पकड़ में आया है।

वेतन वसूली पर टिकी नजर

सूत्रों की मानें तो विभागीय खुलासे के बाद शिक्षामित्र की तैनाती से अब तक वेतन वसूली जैसा कड़ा कदम उठाया जा सकता है। इसका निर्णय शनिवार को लिए जाने की संभावना है। जिला शिक्षा अधिकारी हरीश रौतेला ने बताया कि शिक्षा मित्र के 12वीं के अंकपत्र की जांच के बाद रामनगर स्थित उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने उसे अवैध माना है। हमने शनिवार को संबंधित शिक्षामित्र को अपने सभी मूल प्रमाणपत्रों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बुलाया है। उसके बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।

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