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विजिबिलिटी कम होने से हवाई सेवा प्रभावित, हिंडन से पिथौरागढ़ को उड़ा विमान भेजा गया देहरादून, दो फ्लाइट रद

हल्के कोहरे और तापमान गिरने के चलते विजिबिलिटी घटने से पिथौरागढ़ की हवाई सेवा मंगलवार को प्रभावित हो गई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 11:38 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 11:38 AM (IST)
विजिबिलिटी कम होने से हवाई सेवा प्रभावित, हिंडन से पिथौरागढ़ को उड़ा विमान भेजा गया देहरादून, दो फ्लाइट रद
विजिबिलिटी कम होने से हवाई सेवा प्रभावित, हिंडन से पिथौरागढ़ को उड़ा विमान भेजा गया देहरादून, दो फ्लाइट रद

पिथौरागढ़, जेएनएन : हल्के कोहरे और तापमान गिरने के चलते विजिबिलिटी घटने से पिथौरागढ़ की हवाई सेवा मंगलवार को प्रभावित हो गई। वातावरण में आरएसपीएम (रेेस्परेबुल सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर) बढ़ जाने से विजिविलिटी घटी। इस कारण हिडंन से आने वाली फ्लाइट पिथौरागढ़ के स्थान पर देहरादून को भेजनी पड़ी। वहीं हिंडन से पिथौरागढ़ और पिथौरागढ़ से देहरादून की फ्लाइट रद हुई।

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पिथौरागढ़ में मंगलवार की सुबह से ही मौसम खराब था और आसमान में हल्के बादल छाए थे। वातावरण में हल्का कोहरा पिछले 10-12 दिनों से छाया हुआ है। अमूमन यहां पर विजिविलिटी पांच हजार मीटर तक रहती है। सुबह से दोपहर तक विजिविलिटी यही बनी रही। सुबह देहरादून से पहली फ्लाइट पिथौरागढ़ पहुंची। पिथौरागढ़ से यात्रियों को लेकरदूसरी फ्लाइट देहरादून गई। तीसरी फ्लाइट पिथौरागढ़ से हिंडन गई। चौथी फ्लाइट हिंडन से पिथौरागढ़ आनी थी तब तक पिथौरागढ़ के मौसम में कोहरे का असर अधिक दिखने लगा। विजिविलिटी पांच हजार से घट कर चार हजार मीटर हो गई। विमान उड़ान भरने की प्रतीक्षा में हिंडन में ही खड़ा रहा। इसके बाद भी दृश्यता नहीं बढ़ी तो पिथौरागढ़ आने वाली फ्लाइट देहरादून भेजी गई। सायं 4:16 बजे विमान देहरादून में उतरा।

नैनी सैनी हवाई पट्टी पर तैनात हेरीटेज एविएशन के एयरपोर्ट मैनेजर एमएस धामी ने बताया कि यहां पर दृश्यता 5000 मीटर चाहिए और यही दृश्यता रहती भी है। मंगलवार को सुबह से हल्का कोहरा था परंतु दोपहर बाद अचानक दृश्यता में कमी आने लगी और यह घट कर 4000 और फिर सायं 3500 मीटर ही रह गई थी।  मौसम विभाग का कहना है कि तापमान में आई गिरावट के साथ ही  कुछ हद तक आतिशबाजी से हुआ प्रदूषण बढ़ गया है। शीतकाल में सुबह हवा भारी होने से पार्टिकल बैठे रहते हैं हल्की धूप खिलते ही हवा हल्की होते ही पार्टिकल उठने लगते हैं। ऐसे में आतिशबाजी से हुआ प्रदूषण धीरे-धीरे ऊपर को उठा और कोहरा अधिक गहरा हो गया। जिससे वातावरण में विजिविलिटी 5000 मीटर से कम हो गई।


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