राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आंदोलनकारियों ने हल्द्वानी में रखा उपवास
राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आंदोलनकारियों व व्यापारियों ने बुद्ध पार्क में उपवास के साथ धरना दिया। कहा कि राज्य गठन के 20 साल बाद भी शहीदों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन सका। साथ ही अब तक स्थायी राजधानी तय करने में भी सरकारें विफल रही।
हल्द्वानी, जेएनएन : राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आंदोलनकारियों व व्यापारियों ने बुद्ध पार्क में उपवास के साथ धरना दिया। कहा कि राज्य गठन के 20 साल बाद भी शहीदों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन सका। साथ ही अब तक स्थायी राजधानी तय करने में भी सरकारें विफल रही। पहाड़ की समस्याओं ने कम होने की बजाय विकराल रूप धारण कर लिया। उसके बावजूद सरकारों ने कुछ नहीं किया।
बुद्ध पार्क में धरने के दौरान देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य आंदोलनकारी हुकम सिंह कुंवर ने कहा कि पलायन, बेरोजगारी के साथ भ्रष्टाचार भी लगातार बढ़ा। स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली हर तीसरे दिन सुर्खियां बनती है। पहाड़ पर रोजगार के नाम पर सिर्फ बयानबाजी हुई काम नहीं। नया राज्य बनने पर चंद नेताओं व अफसरों का भला हुआ। जिस वजह से जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। आंदोलनकारी नंद किशोर कपिल ने कहा कि सरकारों ने राज्य की अवधारणा को ही बदल डाला।
धरने पर मौजूद जगमोहन चिलवाल, बालम बिष्ट, केदार पलडिय़ा, जगमोहन बगड़वाल ने कहा कि तमाम संघषों के बाद मिले राज्य में लूट-खसोट धंधा बन गया। ठेकेदारों के जरिये संपदाओं को खुर्द-बुर्द किया जा रहा। जबकि जिम्मेदारों ने मौन साध लिया। शहीदों व पहाड़ की महिलाओं के संघर्ष तक को भुला दिया गया। इस दौरान राजकुमार केसरवानी, रमेश जोशी, अजय कृष्ण गोयल, घनश्याम वर्मा, रवि गुप्ता, शंभू दत्त, हर्ष जलाल, हिमांशु मेर, काॢतक दास, योगेश कांडपाल, बीडी खोलिया, भुवन तिवारी आदि मौजूद रहे।