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मुखानी चौराहे को जाम के झाम से मिलेगी मुक्ति, मांगा फ्लाईओवर का प्रस्ताव

मुखानी चौराहे पर रोज सिरदर्द बनती जाम की समस्या का हल ढूंढने के लिए अधिकार बुधवार को शहर में निकले। डीएम और एसएसपी की मौजूदगी में चार विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई।

By Edited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 07:47 PM (IST)
मुखानी चौराहे को जाम के झाम से मिलेगी मुक्ति, मांगा फ्लाईओवर का प्रस्ताव
मुखानी चौराहे को जाम के झाम से मिलेगी मुक्ति, मांगा फ्लाईओवर का प्रस्ताव

हल्द्वानी, जेएनएन : मुखानी चौराहे पर रोज सिरदर्द बनती जाम की समस्या का हल ढूंढने के लिए बुधवार सुबह डीएम और एसएसपी की मौजूदगी में चार विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई। फिर डीएम व एसएसपी अफसरों को साथ लेकर मुखानी चौराहा पहुंच गए। यहां मौके पर उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए और फ्लाईओवर का प्रस्ताव बनाने को कहा। हालांकि देखना यह है कि प्रशासनिक मशीनरी इस जाम का समाधान कब तक तलाशती है। शहर में मुखानी चौराहे पर जाम की समस्या सबसे बड़ा नासूर है। पुलिस की मुस्तैदी के बावजूद वाहनों की बढ़ती संख्या वाहन चालकों को परेशानी में डाल रही है। क्योंकि समाधान कुछ नहीं निकला है। कुछ समय पूर्व फ्लाईओवर की मांग को लेकर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पूरन चंद्र जोशी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसके बाद प्रशासन कुछ हरकत में आया, लेकिन बाद में फिर से जाम से मुक्ति दिलाने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

वहीं, बुधवार सुबह डीएम विनोद कुमार सुमन व एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने बैठक के बाद नगर निगम, ऊर्जा निगम, परिवहन विभाग व लोनिवि के अधिकारियों साथ मुखानी चौराहे का निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम ने ऊर्जा निगम के अफसरों को निर्देशित करते हुए कहा कि कुछ पोलों की वजह से वाहनों को निकलने में दिक्कत हो रही है। लिहाजा शिफ्टिंग का इस्टीमेट तैयार करें। ताकि बजट उपलब्ध करवा जल्द काम करवाया जा सके। वहीं दिन में टै्रफिक होने की वजह से रात में चौराहे की पैमाइश करने को कहा गया। साथ ही यहां अंडरपास-फ्लाईओवर बनाने के लिए फिजिबलिटी टेस्ट कर प्राथमिक आंकलन के निर्देश दिए। इसके अलावा पुलिस को निर्देशि देते हुए कहा कि मुखानी चौक को ठेले व फड़ अतिक्रमण से तुरंत मुक्त करवाया जाए। इस दौरान एडीएम हरबीर सिंह, मुख्य नगर अधिकारी सीएस मर्तोलिया, सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय, आरटीओ राजीव मेहरा, एसपी अमित श्रीवास्तव, एआरटीओ डॉ. गुरदेव सिंह, अधिशासी अभियंता हिम्मत सिंह रावत आदि मौजूद रहे। डीएम विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुखानी चौराहे पर फ्लाईओवर निर्माण के संबंध में निरीक्षण किया गया था। इसका प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। शहर के अन्य चौराहे जहां जाम की समस्या है, उनके संबंध में भी प्रस्ताव तैयार कर काम शुरू करवाया जाएगा।

तीन साल पुराने सुझाव को भूला सिस्टम : शहर को जाम से मुक्ति दिलाने को लेकर कवायद का दौर बैठक व निरीक्षण से आगे नहीं बढ़ सका है। जनवरी 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में बीजापुर गेस्ट हाउस दून में अधिकारियों की फौज ने जाम को लेकर मंथन किया था। उस दौरान मुखानी का फ्लाईओवर, नगर निगम के बगल से मुखानी चौराहे तक नहर कवर करने, बरेली रोड पर अब्दुल्ला बिल्डिंग के पास फ्लाईओवर निर्माण की संभावनाओं को तलाशने की बात कही गई थी। इसके अलावा शहर में 14 जगहों पर ट्रैफिक स्टैंड बनाने की बात कही गई थी, लेकिन समय बदलने के साथ सारे उपाय भी गुम हो गए। काम में ढिलाई है समस्या की वजह जन समस्याओं से जुड़े मामलों को लेकर सिस्टम की उदासीनता का सबसे बड़ा उदाहरण एसबीआइ तिराहे से मुखानी चौक तक की 1.2 किमी सड़क है। पिछले साल फरवरी में नहर कवर करने के साथ उसके चौड़ीकरण को लेकर सात करोड़ की स्वीकृति मिली थी, लेकिन महकमों के बीच आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण मामला खिंचता चला गया। हकीकत यह है कि एक फरवरी से यहां काम की शुरुआत हो रही है। जबकि अप्रैल में इसे पूरा हो जाना था।

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