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गौला नदी में बना अस्थायी बंधा टूटने पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई

गौला नदी में बना अस्थायी बंधा टूटने से हल्द्वानी में गहराए पेयजल व सिंचाई संकट पर सख्त रुख दिखाते हुए डीएम ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता तरुण बंसल पर कार्रवाई की है। बै

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 03:52 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 03:52 PM (IST)
गौला नदी में बना अस्थायी बंधा टूटने पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई
गौला नदी में बना अस्थायी बंधा टूटने पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई

हल्द्वानी, जेएनएन : गौला नदी में बना अस्थायी बंधा टूटने से हल्द्वानी में गहराए पेयजल व सिंचाई संकट पर सख्त रुख दिखाते हुए डीएम ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता तरुण बंसल पर कार्रवाई की है। बैराज की मरम्मत का काम कर रहे ठेकेदार पर भी डेढ़ लाख रुपये जुर्माना लगाने के साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह व अधीक्षण अभियंता (सिंचाई) संजय शुक्ल की दो सदस्यीय टीम बनाकर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। गौला से जलापूर्ति ठप होने से जलसंस्थान को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करने को भी कहा है।

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पहाड़ में तेज बरसात व भीमताल डैम के ओवरफ्लो होने के बाद गौला में पानी छोडऩे से रविवार को नदी का जलस्तर 3600 क्यूसेक पार करने कर गया था। इससे बैराज के पास नदी में बनाया गया बंधा 15 मीटर टूट गया और पेयजल, सिंचाई के लिए आपूर्ति ठप हो गई। पेयजल आपूर्ति ठप होने से शहर में गहराए संकट के बाद गंभीर डीएम सविन बंसल ने सोमवार को बैराज का निरीक्षण किया। उन्होंने इसके लिए सिंचाई विभाग व ठेकेदार की लापरवाही को वजह माना।

डीएम ने अधिशासी अभियंता तरुण बंसल पर रविवार को बिना अनुमति मुख्यालय छोडऩे, शासकीय दायित्वों के प्रति लापरवाही व लचर कार्यप्रणाली पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई की। साथ ही भविष्य में लापरवाही की पुनरावृत्ति होने पर मुकदमा दर्ज कराने व निलंबन की कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई।

नहर के द्वार पर मलबा हटाने को नहीं लगाए थे श्रमिक

डीएम ने कहा कि गौला में पानी बढऩे से लेकर जल स्तर 3600 क्यूसेक पहुंचने में दो से ढाई घंटे का समय लगा था। इस दौरान ठेकेदार व सिंचाई विभाग ने पानी को डायवर्ट करने के इंतजाम नहीं किए। वहीं, गौला से निकलने वाली नहर के मुख्य द्वार पर मलबा व लकडिय़ां जमा हो गईं। इन्हें हटाने के लिए श्रमिक भी तैनात नहीं किए गए थे। प्रथम दृष्टया लापरवाही पर फिलहाल डेढ़ लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर वास्तविक जुर्माने की धनराशि वसूली जाएगी। कमेटी बैराज मरम्मत को ठेकेदार से हुए अनुबंध व धरातल पर हो रहे कामों की जांच भी करेगी। वहीं, जलसंस्थान को हुए नुकसान की भरपाई सिंचाई विभाग अपने विभागीय मद या ठेकेदार से वसूलकर करेगा।

निरीक्षण में ये अफसर रहे मौजूद

सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी शांतनु परासर, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता एमसी पांडे, अधीक्षण अभियंता संजय शुक्ल, अधिशासी अभियंता तरुण बंसल, हरीश चंद्र, जलसंस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार, सहायक अभियंता नवीन चंद्र पांडे आदि।

दो दिन प्यासे शहरवासियों को आज से मिलेगा पानी

गौला में बना अस्थायी बंधा टूटने से रविवार से गहराया जल संकट सोमवार को भी पूरे दिन बना रहा। दिनभर बंधा निर्माण व नहर के मुख्य द्वार पर जमा मलबा, लकडिय़ां हटाने का काम किया गया। शाम चार बजे जलसंस्थान के शीशमहल स्थित फिल्टर प्लांट को जलापूर्ति शुरू हो पाई। हालांकि सभी प्लांट के खाली होने से शहर में पानी नहीं बंट पाया। जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि मंगलवार सुबह से जलापूर्ति सुचारू हो जाएगी। पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए नलकूपों को अधिक समय तक चलाया गया। इसके अलावा जिन इलाकों से शिकायत आई, वहां टैंकर भेजकर पानी बांटा गया।

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