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बिना गुनाह जेल में काटे डेढ़ साल, दुष्कर्म का आरोप साबित न होने पर बरी, मकान मालकिन और नौकरानी ने रची थी साजिश

Nainital News आरोपित युवक के अधिवक्ता बसंत जोशी ने बताया कि किरए पर लिए गए कमरे की सिक्योरिटी मनी के रुपये वापस करने से बचने के लिए उनके मुवक्किल केा फंसाया गया था । कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaPublished: Mon, 03 Oct 2022 07:26 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 07:26 PM (IST)
बिना गुनाह जेल में काटे डेढ़ साल, दुष्कर्म का आरोप साबित न होने पर बरी, मकान मालकिन और नौकरानी ने रची थी साजिश
मामला 16 जुलाई और 19 जुलाई 2017 का है, जबकि प्राथमिकी 26 जुलाई 2017 को हुई थी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Nainital News :विशेष जज पाक्सो नंदन सिंह ने युवती से दुष्कर्म के आरोपित को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। मामला 16 जुलाई और 19 जुलाई 2017 का है, जबकि प्राथमिकी 26 जुलाई 2017 को हुई थी।

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मथुरा का रहने वाला है आरोपित

आरोपित बनाए गए युवक के अधिवक्ता बसंत जोशी ने बताया कि उनका मुवक्किल कान्हा माखन वाटिका, केशवधाम, थाना वृंदावन मथुरा निवासी नरेश कुमार सिसौदिया मैसर्स दुर्गा शक्ति कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर था। वर्ष 2017 में उनकी कंपनी आर्मी कैंट एरिया काम कर रही थी। काम करने के उनके साथ कुछ लोगों का स्टाफ था। कर्मचारी व अपने ठहरने के लिए नरेश ने एक घर के फ्लोर को किराए पर ले लिया और हर महीने 16 हजार रुपये किराया दिया।

किराए का कमरा खाली करने पर पर रची साजिश

अधिवक्ता बसंत जोशी ने बताया कि कमरा किराए पर लेने से पहले नरेश ने 32 हजार रुपये की सिक्योरिटी मनी भी जमा की थी। हालांकि बाद में कमरों का किराया अधिक व स्टाफ कम हो जाने के कारण नरेश ने कमरा खाली करने का निर्णय लिया था। उन्होंने इस बात से मकान मालकिन को अवगत कराया। इस बात पर मकान मालकिन ने साजिश रच डाली

मोबाइल चोरी करने पर लताड़ लगाने पर फंसाया

अधिवक्ता के अनुसार मकान मालकिन के घर पर काम करने वाली युवती ने एक मोबाइल चोरी कर ली था। इस पर प्रोजेक्ट मैनेजर ने उसे लताड़ लगा दी थी। इसका मकान मालकिन ने फायदा उठाया और युवती के साथ मिलकर 26 जुलाई 2017 में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया। मकान मालकित ने युवती को पीड़िता बनाया। 11 सितंबर को मामले में आरोपपत्र दाखिल हुए। इसके बाद यह मामला विशेष न्यायालय पाक्सो अदालत में चला। अधिवक्ता बसंत जोशी के अनुसार 29 सितंबर को इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्यों में गंभीर विरोधाभाषों के चलते आरोपित नरेश कुमार सिसोदिया को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 11 व बचाव पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए।


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