बागेश्वर के गैराड़ डाकघर में खाताधारकों का पैसा गबन करने का आरोप
पहाड़ के लोग पोस्ट आफिस पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं। इतना भरोसा बैंकों आदि पर नहीं करते हैं लेकिन अब यही डाकघर अपनी शाख खो रहे हैं। पिछले महीनों में काफलीगैर में खातेदारों की रकम खातों में नहीं पहुंचने और गबन की शिकायत मिली।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: गैराड़ पोस्ट आफिस में गबन का मामला प्रकाश में आया है। खाताधारकों की शिकायत के बाद विभाग ने जांच शुरू कर दी है। विभाग के इंसपेक्टर ने खाताधारकों से बात की और पासबुकों और डाकघर के अभिलेखों का मिलान शुरू कर दिया है। प्राथमिक जांच में गड़बड़ी सामने आ रही है।
पहाड़ के लोग पोस्ट आफिस पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं। इतना भरोसा बैंकों आदि पर नहीं करते हैं, लेकिन अब यही डाकघर अपनी शाख खो रहे हैं। पिछले महीनों में काफलीगैर में खातेदारों की रकम खातों में नहीं पहुंचने और गबन की शिकायत मिली। इसकी जांच में भी गबन की पुष्टि हुई। बाद में पोस्टमास्टर से खातेदारों को उनकी रकम लौटा दी थी। इसके बाद मामला शांत हुआ।
अभी मामले को लोग भूले भी नहीं, गैराड़ में एक और मामला प्रकाश में आया है। खातेदारों की शिकायत के बाद डाक विभाग के निरीक्षक देवराज सिंह पांगती इस पूरे मामले की जांच में जुट गए हैं। उन्होंने गांव पहुंचकर पहले खाताधारकों से बात की। उनकी पासबुकों का मिलान किया।
जांच में गड़बड़ी सामने आई है। खातेदारों के पासबुक में जो राशि चढ़ी है वह पोस्ट आफिस के अभिलेखों में नहीं है। उन्होंने बताया कि कुछ राशि आरोपित पोस्ट मास्टर ने जमा करा दी है, शेष राशि जमा कराने पर बातचीत चल रही है। लोगों ने हेराफेरी की उच्च स्तरीय जांच करते हुए खाताधारकों की राशि वापस लौटाने की मांग की है।
चरस के साथ पकड़े गए हीरा सिंह दोषमुक्त
बागेश्वर: विशेष सत्र न्यायाधीश शहंशाह मोहम्मद दिलबर दानिश की अदालत ने चरस के साथ पकड़े गए आरोपित को दोषमुक्त करने का आदेश पारित किया है। कपकोट पुलिस ने 24 जनवरी 2020 को 1.684 किलोग्राम चरस के साथ हरसिला तिराहे पर पुड़कुनी गांव निवासी हीरा सिंह पुत्र ईश्वर सिंह को गिरफ्तार किया था। एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज हुआ।
आरोपित को अल्मोड़ा जेल निरुद्ध किया गया। विचारण के दौरान पैरवी पक्ष ने 14 गवाह परीक्षित कराएं। आरोपित ने बचाव में तीन गवाह परीक्षित कराए गए। अदालत ने शनिवार को मामले की सुनवाई की और आरोपित को दोषमुक्त किया। उन्होंने आरोपित को जेल से रिहा करने के आदिश भी पारित किए हैं। आरोपित की ओर से अधिवक्ता हरीश जोशी और दिग्विजय सिंह जनौटी ने पैरवी की।