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गरीबों में शिक्षा का उजियारा फैला रहीं आरती, दो सौ से अधिक बच्चों को कर चुकीं शिक्षित, 1000 का है लक्ष्य

शिक्षा का उजियारा फैला रही आरती अब तक 200 से अधिक गरीब बच्चों को शिक्षित कर चुकी हैं। वर्तमान में 30 बेहद गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा दे रही हैं। यही नहीं उन्हें डांस संगीत और निष्प्रयोज्य वस्तुओं से सजावटी समान बनाने का हुनर भी सिखाती हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 08:05 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 08:05 AM (IST)
गरीबों में शिक्षा का उजियारा फैला रहीं आरती, दो सौ से अधिक बच्चों को कर चुकीं शिक्षित, 1000 का है लक्ष्य
इसके बाद करीब दो सौ से अधिक स्कूल न जाने वाले बच्चों को अलग-अलग शिफ्ट में पढ़ाया।

रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर), बृजेश पांडेय। पाकेट मनी बचाकर गरीब बच्चों को शिक्षित का जुनून रुद्रपुर की आरती पाल को खास बनाता है। शिक्षा का उजियारा फैला रही आरती अब तक 200 से अधिक गरीब बच्चों को शिक्षित कर चुकी हैं। वर्तमान में 30 बेहद गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा दे रही हैं। यही नहीं उन्हें डांस, संगीत और निष्प्रयोज्य वस्तुओं से सजावटी समान बनाने का हुनर भी सिखाती हैं।

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 खुद गरीबी में पली बढ़ी रुद्रपुर के रम्पुरा मोहल्ला निवासी आरती ने बीएड की पढ़ाई पूरी करने के साथ ही गरीब बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दे रहीं हैं। तीन वर्ष से वह इस मुहिम में लगी हैं। आरती बताती हैं कि सात साल पहले से पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई, पार्लर कोर्स, टेडी बनाना व डांस आदि भी सीखा। मोहल्ले व झुग्गियों में जाकर सर्वे किया। इसके बाद करीब दो सौ से अधिक स्कूल न जाने वाले बच्चों को अलग-अलग शिफ्ट में पढ़ाया।

1000 बच्चों को पढ़ाने का लक्ष्य

आरती के पिता छेदा लाल पाल और माता सुशीला पाल ने बचपन से उन्हें जरूरतमंदों की सेवा का पाठ पढ़ाया है। वर्तमान में वह कोरोना संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए 30 बच्चों को अलग-अलग शिफ्ट में शिक्षित कर रहीं हैं। आरती का लक्ष्य एक हजार वंचित व गरीब बच्चों को शिक्षित करने का है।

देती हैं व्यावहारिक ज्ञान

इन बच्चों को आरती न सिर्फ कक्षा से संबंधित विषय पढ़ाती हैं, बल्कि उनमें व्यवहारिक ज्ञान भी देने का पूरा प्रयास करती हैं। बच्चों को गीत, संगीत, नृत्य और हुनर भी सिखाती हैं। बच्चे भी वेस्ट मैैटेरियल से सजावटी समान बनाना शौक से सीखते हैं। वह देवभूमि एक पहल समिति से जुड़कर महिलाओं एवं बच्चों को वहां भी डांस, सिलाई प्रशिक्षण, योग आदि सिखाती हैं।

आरती ने बताया कि भले ही सरकार गरीब बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा उपलब्ध करा रही है, लेकिन कुछ न कुछ कमियां सिस्टम व समाज में हैं। कारण कि आज भी गरीब बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे या फिर ट््यूशन नहीं पढ़ पाते। जब ऐसे बच्चों को पढ़ाया जाएगा तो वह व उनके परिवार इसकी महत्ता को समझेंगे।

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