Uttarakhand Election 2022 : अल्मोड़ा की चार विधानसभा सीटों पर आप के कवरिंग कैंडीडेट
उत्तराखंड चुनाव 2022 सल्ट विधानसभा से आप की पुष्पा बिष्ट जागेश्वर से बिमला पांडे अल्मोड़ा विधानसभा से मनोज गुप्ता सोमेश्वर से खीमपाल ने नामांकन कराया है। प्रमुख प्रत्याशी का नामांकन सही होते ही दूसरे प्रत्याशी का नामांकन निरस्त हो जाएगा।
चंद्रशेखर द्विवेदी, अल्मोड़ा: राजनीतिक दलों में आम आदमी पार्टी ने चार विधानसभाओं में कवरिंग कैंडीडेट का नामांकन कराया है। वहीं राजनीतिक दलों के डमी कंडीडेट भी चुनाव मैदान में हैं। जो पुलिस के रडार में हैं।
आम आदमी पार्टी ने सल्ट विधानसभा से सुरेश बिष्ट, जागेश्वर से तारा दत्त पांडे व अल्मोड़ा विधानसभा से अमित जोशी, सोमेश्वर आरक्षित से हरीश चंद्र आर्या को पार्टी प्रत्याशी बनाया है। पार्टी प्रत्याशियों ने साथ इन विधानसभाओं से आप ने कवरिंग कैंडीडेट भी खड़े किए हैं। सल्ट विधानसभा से आप की पुष्पा बिष्ट, जागेश्वर से बिमला पांडे, अल्मोड़ा विधानसभा से मनोज गुप्ता, सोमेश्वर से खीमपाल ने नामांकन कराया है। प्रमुख प्रत्याशी का नामांकन सही होते ही दूसरे प्रत्याशी का नामांकन निरस्त हो जाएगा।
इसके अलावा 6 विधानसभा में कुल 12 निर्दलीयों ने भी अपना नामांकन कराया है। नामांकन करने वालों में छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या अत्यधिक है। हालांकि अभी स्क्रूटनी और नाम वापसी की प्रक्रिया होनी बाकी है। पुलिस का खुफिया विभाग इन पर नजर रखे हुए हैं। अंदेशा है कि राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने लालच में अपने लोगों से पर्चे भरवाए हैं। इन लोगों का मतदान व मतगणना के दौरान एजेंट व वाहनों की संख्या बढ़वाने समेत अन्य प्रकार से लाभ लिया जा सकता है। ऐसे में खुफिया विभाग व पुलिस-प्रशासन ने ऐसे लोगों पर निगाह रखनी शुरू कर दी है। यदि कोई भी व्यक्ति डमी प्रत्याशी के रूप में दिखाई दिया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एक परिवार से कवरिंग कैंडीडेट
कवरिंग कैंडीडेट वैसे तो कोई भी कार्यकर्ता हो सकता है। लेकिन प्रत्याशी उन पर भरोसा नहीं करता इसलिए परिवार का ही सदस्य कवरिंग कैंडीडेट बनाया जाता है। प्रत्याशी अपनी पत्नी, पुत्र या भाई को कवरिंग कैंडीडेट बनाता है। अल्मोड़ा विधानसभा में परिवार का कवरिंग कैंडीडेट नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं होती।
इसलिए होती है कवरिंग कैंडीडेट की व्यवस्था
कवरिंग कैंडीडेट की व्यवस्था कुछ समय से पहले तक नहीं थी। पार्टी प्रत्याशी को अपने नामांकन पत्र में अपनी पार्टी का उल्लेख करना होता था और स्क्रूटनी के समय तक पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार होने के लिए फॉर्म ए और फॉर्म बी दाखिल करना होता था। यदि यह फॉर्म दाखिल हो जाते थे तो प्रत्याशी को पार्टी का निशान आवंटित कर दिया जाता था। लेकिन किसी कारणवश उस का नामांकन निरस्त हो जाता था तो उस क्षेत्र में पार्टी का उम्मीदवार ही नहीं रह जाता था। इसे ध्यान में रखते हुए आयोग ने यह व्यवस्था की कि पार्टियां अपने फॉर्म बी में वरीयतानुसार दो नाम दे सकती हैं। यदि प्रथम वरीयता के उम्मीदवार का नामांकन निरस्त होता है तो स्वत: ही दूसरे को पार्टी का निशान मिल जाता है।