भाजपा सांसद के लेटर को आप ने बनाया हथियार, सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार पर आरोप
आम आदमी पार्टी ने भाजपा सांसद मेनका गांधी के लेटर को हथियार बनाया है। इसको लेकर आप प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू ने मुख्यमंत्री रावत पर जमकर हल्ला बोला। कहा उन्हीं की नाक के नीचे करोडों के घोटाले अकसर प्रदेश में हो जाते हैं !
हल्द्वानी, जागरण संवााददाता : आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है। मुख्यमंत्री जीरो टोलरेंस की बात करते हैं लेकिन उन्हीं की नाक के नीचे करोडों के घोटाले अकसर प्रदेश में हो जाते हैं और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगती। अभी कुछ दिनों पहले श्रम बोर्ड का भ्रष्टाचार थमा भी नहीं था मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को एक पत्र भेजा है। जिसमें उत्तराखंड में 3000 करोड़ के घोटाले की बात कही है ।
इस लेटर ने बीजेपी राज में चल रहे भ्रष्टाचार को एक बार फिर उजागर कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशु अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली मेनका गांधी की ओर से हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक पत्र लिखा गया है। उन्होंने उत्तराखंड शीप एंड वूल डेवलपमेंट बोर्ड के सीईओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने विभागीय सचिव की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मेनका गांधी ने सीबीआई, ईडी और सीबीसीआईडी से जांच कराने की मांग की है।
भाजपा की वरिष्ठ नेता मेनका गांधी के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह साफ कहा गया है कि उत्तराखंड शीप एंड वूल डेवलपमेंट बोर्ड के सीईओ ने र्वल्ड बैंक से 3,000 करोड़ का ऋण (लोन) लेकर इसका सीधे तौर पर दुरुपयोग किया है। इस लोन से विभागीय कार्य तो नहीं हुए लेकिन विभाग के निदेशक ने अपने लिए महंगी गाड़ी और नोएडा में आलीशान मकान जरूर ले लिया है। इसके अलावा विभागीय निदेशक की ओर से उत्तराखंड शीप बोर्ड में कई अधिकारियों की डेपुटेशन में नियुक्ति भी की गई जो अच्छा खासा वेतन ले रहे हैं, इसके अलावा बिना विभागीय सहमति के जिस कंसलटेंट को रखा गया है उसका मासिक वेतन 2.5 लाख है।
विभागीय निदेशक पर आरोप लगाते हुए मेनका गांधी ने मटन स्कीम शुरू किए जाने पर भी सवाल खड़े किये. अपने पत्र में उन्होंने साफ तौर पर लिखा कि विभागीय निदेशक ने बकरों की मटन स्कीम शुरू कर निदेशालय को एक मीट की दुकान में तब्दील कर दिया है। मेनका गांधी ने लिखा है कि नियम-कायदे ताक पर रखकर जिला योजना के पैसों से पशुओं के लिये पंजाब की फर्म से दोगुने दाम पर चारा खरीदा गया। शीप बोर्ड में बिना पद सृजन के डेपुटेशन पर कई अधिकारियों को तैनात किया। इस कारण कई पशु चिकित्सालय बंद हो गए। अधिकारी बिना काम के वेतन ले रहे हैं। सीईओ ने ऑस्ट्रेलिया से जवान शीप के बजाय बूढ़ी भेड़ खरीदीं जिनसे ज्यादा प्रजनन संभव ही नहीं है। मेनका गांधी ने अपने पत्र में इस घोटाले को कोल आवंटन और बोफोर्स तोप घोटाले से भी बड़ा घपला बताया है।
मेनका गांधी के इस पत्र ने ये सिद्व कर दिया है कि कैसे उत्तराखंड जैसे प्रदेश में अधिकारियों की आपसी मिलीभगत से करोंडों के वारे न्यारे हो रहे हैं लेकिन इन अधिकारियों पर नकेल कसने वाला कोई नहीं है। सरकार की नाक के नीचे इतने बडे घोटाले हो रहे हैं लेकिन क्या सरकार को इसकी कोई जानकारी नहीं है। अब मेनका गांधी के लेटर ने खुद अपनी ही सरकार को आएना दिखाने का कार्य किया है कि यहां जीरों टोलरेंस नहीं बल्कि भ्रष्टाचार अपनी सीमाएं लांध चुका है जिन्हें शासन और प्रशासन में बैठे कुछ लोगों का संरक्षण प्राप्त है।