जेईई एडवांस दिए बिना 72 हजार छात्र आइआइटी की दौड़ से बाहर
जेईई एडवांस होने से पहले ही 72 हजार अभ्यर्थी आइआइटी की दौड़ से बाहर हो गए हैं। इन अभ्यर्थियों ने एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया।
हल्द्वानी, जेएनएन : जेईई एडवांस होने से पहले ही 72 हजार अभ्यर्थी आइआइटी की दौड़ से बाहर हो गए हैं। इन अभ्यर्थियों ने एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया। विशेषज्ञों के मुताबिक, एडवांस क्लियर करने के बाद आइआइटी में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को बोर्ड परीक्षा में 75 फीसद या फिर टॉप 20 पर्सेंटाइल में आना जरूरी है। इस मानदंड को पूरा नहीं करने वाले स्टूडेंट भी रेस से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में आइआइटी की दौड़ से बाहर होने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। जेईई एडवांस 27 मई को होनी है। इस बार 2.45 लाख अभ्यर्थियों ने इसके लिए क्वालीफाई किया था। इसमें 1.73 लाख ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है।
इस कारण हो जाते हैं बाहर
- जेईई मेन के तीन व एडवांस के लिए दो अटेंप्ट का प्रावधान है। तीसरी बार जेईई मेन देकर एडवांस क्वालीफाई करने वाला आइआइटी की दौड़ से बाहर हो जाता है।
- छात्र एडवांस की पढ़ाई पर बहुत अधिक फोकस करता है। इस कारण स्कूल की पढ़ाई पीछे छूट जाती है, जिससे बोर्ड में 75 प्रतिशत व टॉप 20 पर्सेंटाइल में नहीं आने पर छात्र आइआइटी की रेस से बाहर हो जाता है।
- एडवांस के लिए 2.45 लाख में जगह बनाने वाले पीछे की रैंक वाले छात्र आइआइटी के बजाय एनआइटी चले जाते हैं। पीछे की रैंक के कारण टॉप आइआइटी नहीं मिलती।
पिछले वर्षों का आंकड़ा (लाख में)
साल क्वालीफाई रजिस्टर्ड
2019 2.45 1.73
2018 2.31 1.65
2017 2.21 1.72
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