मानसून में कुमाऊं की धरती पर रोपेंगे 51 लाख पौधे
कुमाऊं में पौधरोपण अभियान रफ्तार पकड़ेगा। कई स्कीमों के अंतर्गत कुमाऊं में कुल 5807.13 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 51 लाख 67 हजार 128 पौधे रोपने का लक्ष्य है।
नैनीताल, [जेएनएन]: लोक व प्रकृति के पर्व हरेला से कुमाऊं में पौधरोपण अभियान रफ्तार पकड़ेगा। इस बार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अल्मोड़ा में कोसी पुनर्जन्म अभियान के अंतर्गत पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया। कोसी नदी के सूक्ष्म जलागम के 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में चौड़ी पत्ती के पौधों को रोपने व उनकी देखरेख का जिम्मा वन महकमे को सौंपा गया है। इसके अलावा कुमाऊं में जल संचय व संरक्षण के लिए आठ हजार से अधिक चालखाल-तालाब व ट्रेंच लाइन बनाई जाएंगी।
इस बार कुमाऊं में वन विभाग के तीन वृत्तों के 14 वन प्रभागों के 589 हेक्टेयर वन क्षेत्रफल में सात लाख 66 हजार से अधिक जबकि उत्तरी कुमाऊं में 44 हजार, उत्तरी कुमाऊं में ही अल्मोड़ा में कोसी नदी के सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों के 50 हेक्टेयर क्षेत्र में 50 हजार पौधे रोपे जाएंगे।
ईको टास्क वनीकरण, बांस रोपण, वन पंचायत सुदृढ़ीकरण, बहुउद्देशीय वृक्षारोपण अनुसूचित जाति योजना, कैंपा, कैंपा ऑलवेदर रोड, प्रधानमंत्री कृषि योजना, जायका आदि स्कीमों के अंतर्गत कुमाऊं में कुल 5807.13 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 51 लाख 67 हजार 128 पौधे रोपने का लक्ष्य है।
8636 तालाब व 14472 चेकडैम बनेंगे
वन विभाग ने वर्षा जल संरक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके अंतर्गत 8636 छोटे-बड़े जलाशय, जल कुंड, चालखाल निर्माण, 4217 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ट्रेंच खुदान तथा 14472 चेकडेम बनाए जाएंगे। अधिकांश चेकडेम पीरूल के बनाए जाएंगे। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं डॉ. कपिल जोशी के अनुसार सभी डीएफओ को पौधरोपण व जल संचय कार्यो को गंभीरता से लेते हुए क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा गया है। वन पंचायतों समेत ग्रामीणों का इसमें सक्रिय सहयोग अपेक्षित है। उनके अनुसार अल्मोड़ा में कोसी पुर्नजीवन कार्यक्रम के अंतर्गत 116 तालाब बनाए जाएंगे जबकि 1819 टेंच खुदाई तथा 1706 चेकडेम बनाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: धरती और आकाश के विवाह का प्रतीक है हरेला पर्व
यह भी पढ़ें: केदारनाथ में पांच वर्ष बाद भी तीन कुंडों को नहीं खोज पाई सरकार
यह भी पढ़ें: केदारनाथ आपदा के पांच सालः नए रूप में निखर रहा महादेव का धाम केदारनाथ