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उत्तराखंड में सरकारी चिकित्सकों के 39 फीसद पद खाली, आरटीआई में खुलासा

उत्तरखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी छिपी नहीं है। कोरोना काल में भी चिकित्साधिकारियों के 1072 पद खाली हैं जो कुल स्वीकृत 2735 पदोें के 39 प्रतिशत से अधिक है। यह खुलासा आरटीआई एक्टीविस्ट नदीमउद्दीन को उपलब्ध कराई गई सूचना सेे हुआ।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:10 PM (IST)
उत्तराखंड में सरकारी चिकित्सकों के 39 फीसद पद खाली, आरटीआई में खुलासा
उत्तराखंड में सरकारी चिकित्सकों के 39 फीसद पद खाली, आरटीआई में खुलासा

काशीपुर, जेएनएन : उत्तरखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी छिपी नहीं है। कोरोना काल में भी चिकित्साधिकारियों के 1072 पद खाली हैं जो कुल स्वीकृत 2735 पदोें के 39 प्रतिशत से अधिक है। यह खुलासा महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड कार्यालय द्वारा आरटीआई एक्टीविस्ट नदीमउद्दीन को उपलब्ध कराई गई सूचना सेे हुआ।

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काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेेशालय केे लोेक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड में चिकित्सा अधिकारियों के पदों तथा उस पर कार्य कर रहे विदेशी डिग्रीधारक चिकित्सकों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में स्वास्थ्य महानिदेशालय के लोेक सूचना अधिकारी/संयुक्त निदेशक (प्रशा) राजीव सिंह पाल ने 11 अगस्त 2020 से सूचना उपलब्ध करायी है। उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड में चिकित्सा अधिकारियों के कुल 2735 स्वीकृत पद हैैं, जिसमें से 1072 पद रिक्त हैं तथा 1663 कार्यरत पदों की संख्या हैै। सूचना के अनुसार 116 चिकित्सा अधिकारी ऐसे भी हैैं जो लम्बेे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। चार चिकित्सा अधिकारी नगर निगमों में नगर स्वास्थ्य अधिकारी व अन्य पदों पर भी प्रदेश में कार्यरत हैं।

अनुपस्थित 573 चिकित्सकों की सेवा कर दी गई है समाप्त

एक जनवरी 2018 से अगस्त 2020 तक लगभग ढाई वर्ष के समय में 573 चिकित्सा अधिकारियाें की लम्बे समय से अनुपस्थित रहने व अन्य कारणों से सेवायें भी समाप्त की गयी हैै। इसके अतिरिक्त 01 जनवरी 2011 से अगस्त 2020 तक लगभग 10 वर्षों में 137 चिकित्सा अधिकारियों ने सेवा से त्यागपत्र दिया हैै व वी.आर.एस. भी लिया है।

उत्तराखंड में कार्यरत 68 चिकित्सक ने नहीं पास किया स्क्रीनिंग टेस्ट

उपलब्ध सूचना के अनुसार एक अत्यंत चैैंकाने वाली जानकारी सामने आयीे है। इसके अनुसार उत्तराखंड में कार्यरत 68 चिकित्सा अधिकारी ऐेसेे हैैं जिन्होेंने विदेशी विश्वविद्यालयों से एमबीबीएस किया हैै लेकिन उनमें से 42 चिकित्साधिकारियोें ने विदेेशी मेडिकल शिक्षा की गुणवता व ऐसेे डिग्री धारकों की योग्यता जांचने केे लिए अनिवार्य स्क्रीनिंग टेस्ट एफएमजीआई (फाॅरेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जाम) पास नहीं किया है। केवल 27 चिकित्साधिकारियों ने ही स्क्रीनिंग टेेस्ट पास किया हैै। एफएमजीई परीक्षा पास किये बिना उत्तराखंड की सरकारी सेवा में शामिल चिकित्सा अधिकारी उत्तराखंड के 12 जिलों के अस्पतालोें व स्वास्थ्य केन्द्रों व कार्यालयों में सेवायें कर रहे है।

एफएमजीई परीक्षा पास किए बगैर अल्मोडा में पांच चिकित्सा अधिकारी

स्क्रीनिंग टेस्ट (एफएमजीई) परीक्षा पास किये बगैैर विदेशो से एमबीबीएस चिकित्सा अधिकारियों में पांच अल्मोड़ा जिले, दो बागेश्वर, एक चमोली,दो चम्पावत, आठ देहरादून, तीन हरिद्वार, तीन नैनीताल, तीन पिथौरागढ़, आठ पौड़ी, दो टिहरी, दो उधमसिंह नगर, दो उत्तरकाशी जिलो में कार्यरत हैं। चिकित्सा अधिकारी का तैनाती स्थान सूचना में अंकित नहीं किया गया है। अल्मोड़ा जिले में कार्यरत पांच चिकित्सा अधिकारियों में एक अस्पताल, दो प्राथमिक स्वास्था केन्द्रोें तथा दो समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात हैं। बागेश्वर में एक सीएमओ कार्यालय तथा एक प्रा.स्वा. केन्द्र में तैनात है। चमोली में एक अस्पताल में, चम्पावत में दो प्रा.स्वा. केन्द्रोें में, देहरादून जिले में तीन स्वास्थ्य महानिदेशालय, एक सीएमओ कार्यालय, तीन प्रथामिक स्वा. केन्द्रोंं, दो अस्पतालों में तैनात हैं। हरिद्वार में दो अस्पतालों तथा एक प्रा.स्वा. केन्द में तैैनात हैै। नैैनीतात जिले में तीन अस्पतालों में तैैनात हैै। पिथौैरागढ़ में दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रोें तथा एक प्रा.स्वा. केन्द्र में, पौैड़ी जिले में पांच जिले केे अस्पताल तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात है। टिहरी जिले में दो समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उधमसिंह नगर जिले के एक अस्पताल में तथा एक प्रा.स्वा. केद्र में तथा उत्तरकाशी जिले के दो ऐसेे चिकित्सा अधिकारी अस्पतालों में तैनात हैै।


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