Heavy Rain in Kainchi Dham : सीएम ने कैंची धाम प्रबंधक से की बात, अधिकारियों को राहत कार्य को किया निर्देशित
Heavy Rain in Kainchi Dham मुख्यमंत्री की कैंची मंदिर में विशेष आस्था है। मुख्यमंत्री ने कैची ट्रस्ट के प्रबंधक विनोद जोशी से फोन पर वार्ता कर व्यक्तिगत रूप से भी संबंधित घटना का संज्ञान लिया है। निरीक्षण करने एवं राहत कार्य हेतु उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया है।
जागरण संवाददाता, गरमपानी : Heavy Rain in Kainchi Dham : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कैंची मंदिर के पास हुई अतिवृष्टि के मामले का संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की कैंची मंदिर में विशेष आस्था है। मुख्यमंत्री ने कैची ट्रस्ट के प्रबंधक विनोद जोशी से फोन पर वार्ता कर व्यक्तिगत रूप से भी संबंधित घटना का संज्ञान लिया है। अति शीघ्र संबंधित स्थल का निरीक्षण करने एवं राहत कार्य हेतु उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया है।
परिसर से तेजी से हटाया जा रहा मलबा
हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर स्थित कैंची धाम क्षेत्र में बुधवार शाम हुई मूसलधार बारिश के बाद आए मलबे से पटे मंदिर परिसर की सफाई शुरू हो गई है। गुरुवार सुबह से प्रशासन ने चार बुलडोजर की मदद से मलबा हटाने में जुटा है। भारी मात्रा में आए मलबे को हटाने में तीन-चार दिन लगेंगे। वहीं हाईवे को 12 घंटे बाद गुरुवार सुबह चार बजे मलबा हटाकर यातायात के लिए खोल दिया गया। एनएच की टीम रात भर करीब दो किमी के दायरे में आए मलबे को हटाने में जुटी रही। वहीं, सात से ज्यादा पेयजल योजनाएं भी ध्वस्त हो गई। जल संस्थान ने टैंकर के माध्यम से पेयजल आपूॢत की।
बाबा नीम करौली के मुख्य मंदिर और परिसर में स्थित साईं धाम मंदिर में भरे मलबे ने 1993 की याद ताजा कर दी थी। बुधवार सायं करीब चार बजे से लगातार आधे घंटे हुई अतिवृष्टि ने क्षेत्र में हालात गंभीर बना दिए। लाखों लोगों की आस्था के केंद्र कैंची धाम मंदिर का परिसर मलबे से पट गया और कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त भी हो गया है। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक 1993 में भी ऐसी स्थिति सामने आई थी। बुधवार शाम 20 मिनट तक आसमान से गर्जना के साथ हुई मूसलधार बारिश से हाईवे जगह-जगह मलबे से पट गया। एनएच, एसडीआरएफ व प्रशासन की टीम रातभर कैंची क्षेत्र में डटी रही। एसडीआरएफ के जवानों ने हाईवे पर फंसे वाहनों को वाया भवाली-नथुआखान-रामगढ़ होते हुए गतंव्य को रवाना किया। क्वारब पुलिस ने वाया मौना क्वारब पहाड़ से तराई भेजा।
वहीं, साईं धाम में श्रमिकों के माध्यम से मलबा हटाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। मूसलधार बारिश से क्षेत्र की पाडली, कैंची मंदिर, कैंची बाजार, घूना, तल्ला निगलाट, हरतपा समेत सात पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई, जिससे क्षेत्र में पानी को भी हाहाकार मच गया। जल संस्थान के सहायक अभियंता दलिप बिष्ट ने मय टीम मौका मुआयना किया। टैंकर के माध्यम से पानी आपूॢत की गई।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें