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Nainital Is The Most Polluted Hill City : देश के पर्वतीय शहरों में नैनीताल सबसे ज्यादा प्रदूषित, अन्‍य शहरों की भी स्‍थिति जान लीजिए

Nainital Is The Most Polluted Hill City जंगल की आग ने पूरे प्रदेश की हवा में जहर घोल दिया है। देश भर के मुख्य शहरों के प्रदूषण की ऑनलाइन मॉनीटङ्क्षरग करने वाली वेबसाइट एक्यूवेदर के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 09:17 AM (IST)
Nainital Is The Most Polluted Hill City : देश के पर्वतीय शहरों में नैनीताल सबसे ज्यादा प्रदूषित, अन्‍य शहरों की भी स्‍थिति जान लीजिए
Nainital Is The Most Polluted Hill City : देश के पर्वतीय शहरों में नैनीताल सबसे ज्यादा प्रदूषित

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : Nainital Is The Most Polluted Hill City : जंगल की आग ने पूरे प्रदेश की हवा में जहर घोल दिया है। देश भर के मुख्य शहरों के प्रदूषण की ऑनलाइन मॉनीटङ्क्षरग करने वाली वेबसाइट एक्यूवेदर के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। इसके मुताबिक मंगलवार को सरोवर नगरी नैनीताल में वायु प्रदूषण का स्तर 154 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंच गया। हालांकि शिमला, दार्जिलिंग के अलावा उत्तर-पूर्वी राज्यों के मुख्य पहाड़ी शहरों की स्थिति नैनीताल के मुकाबले काफी बेहतर थी।  

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उत्तराखंड के जंगलों में आग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। कुछ जगहों पर लपटें भले शांत हो गई हों लेकिन धुएं ने बादलों को अपने आगोश में ले लिया है। जहरीले धुएं के कणों के हवा में घुलने के कारण पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। एक्यूवेदर वेबसाइट के मुताबिक सोमवार को कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स 136 और नैनीताल में 124 था। मगर मंगलवार को नैनीताल की स्थिति और बिगड़ गई। यहां प्रदूषण का स्तर 154 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया। हल्द्वानी में कुछ गिरावट के साथ आंकड़ा 129 पर आ गया। हालांकि, सुबह से रात तक प्रदूषण का स्तर घटता-बढ़ता रहा।

पर्वतीय शहरों में प्रदूषण 

इटानगर    39 

इंफाल       76 

शिलांग      82 

आइजोल   76 

कोहिमा     49 

अगरतला  118 

गंगटोक    48 

दार्जिलिंग  60 

शिमला     127 

नैनीताल    154 

मसूरी       113

(नोट : आंकड़ा माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में) 

100 से ज्यादा होने पर दिक्कत

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के मुताबिक प्रदूषण का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ज्यादा होने पर बुुजुर्ग व सांस के मरीजों को दिक्कत आती है। 154 माइक्रोग्राम को वेरी अनहेल्दी कैटेगिरी में रखा जाता है। वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदूषण का ग्राफ बढऩा बेहद चिंताजनक है। 

धुएंं से बीमारियां भी बढ़ रहीं  

वरिष्ठ फिजीशियन डा. डीसी पंत ने बताया कि जंगल की आग से प्रदूषण बढऩा स्वाभाविक है। आंकड़े जिस तरह से आ रहे हैं। इससे सचेत होने की जरूरत है। धुएं से तमाम तरह की बीमारियां बढ़ जाती हैं। वहींं क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीबी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि मंगलवार को हल्द्वानी में हवा के नमूने लिए गए थे, जिनका लैब में परीक्षण किया जाएगा। परिणाम के बाद पीसीबी अपने आंकड़े घोषित करेगा।

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