नैनी झील के लिए वरदान बनेगा सूखाताल, पुनर्जीवित करने की कवायद तेज, आज सीएम करेंगे योजना का शिलान्यास
सूखाताल झील पर ही नैनी झील का अस्तित्व टिका है। हालिया सालों में सूखाताल को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही थी। चौतरफा उठती आवाज और वैज्ञानिक व पर्यावरणविदों की चिंता को देखते हुए अब सूखाताल के पुनर्जीवित होने की योजना पर अमल शुरू हो रहा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : नैनीताल की झील के रिचार्ज जोन सूखाताल को पुनर्जीवित करने के लिए सरकारी कार्ययोजना तैयार है। अतिक्रमण के साथ ही निर्माण सामग्री के मलबे से पटी सूखाताल झील में बरसात में तक पानी नहीं रुक रहा। जहां कभी झील में नाव चलती रहीं, फिलहाल क्रिकेट टूर्नामेंट हो रहे हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार सूखाताल झील पर ही नैनी झील का अस्तित्व टिका है। हालिया सालों में सूखाताल को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही थी। चौतरफा उठती आवाज और वैज्ञानिक व पर्यावरणविदों की चिंता को देखते हुए अब सूखाताल के पुनर्जीवित होने की योजना पर अमल शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज इसका शिलान्यास करेंगे। करीब 26 करोड़ की लागत से इस झील को पुनर्जीवित करने के साथ ही टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया जाएगा। सरकारी दावों के अनुसार इस झील के पुनर्जीवित होने से नैनीताल झील पर भी दबाव कम होगा।
कम नहीं हैं चुनौतियां
सूखाताल को पुनर्जीवित करने में चुनौती कम नहीं है। सबसे बड़ी चुनौती झील के डूब क्षेत्र में बने आवासीय मकानों को हटाना व प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करना है। सालों पहले हाईकोर्ट के आदेश पर झील विकास प्राधिकरण, लोनिवि, सिचांई विभाग, नगरपालिका के संयुक्त सर्वे में पाया कि झील के डूब क्षेत्र में 42 अतिक्रमण हैं। जिन्हें हटाना जरूरी है, मगर उन्हें अब तक नहीं हटाया गया। एक बार बरसात में आसपास के मकानों में पानी भर गया तो उसके बाद जन दबाव में सूखाताल से जाने वाले नाले का रुख ही मोड़ दिया गया। झील को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर पर्यावरणविद प्रो अजय रावत लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
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