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हल्‍द्वानी में पुनर्वास केंद्र के बच्चे खेलेंगे बैडमिंटन और टेबल टेनिस, कोर्ट बनकर तैयार

हल्‍द्वानी में संचालित हो रहे राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र में अब खेल से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्र में रहने वाले बच्चों को बैडमिंटन टेबल टेनिस जैसे प्रसिद्ध खेल में निपुण बनाया जाएगा। इसके लिए केंद्र में बैडमिंटन कोर्ट स्थापित कर दिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 10:25 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 10:25 AM (IST)
हल्‍द्वानी में पुनर्वास केंद्र के बच्चे खेलेंगे बैडमिंटन और टेबल टेनिस, कोर्ट बनकर तैयार
हल्‍द्वानी में पुनर्वास केंद्र के बच्चे खेलेंगे बैडमिंटन और टेबल टेनिस, कोर्ट बनकर तैयार

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : हल्‍द्वानी में संचालित हो रहे राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र में अब खेल से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्र में रहने वाले बच्चों को बैडमिंटन, टेबल टेनिस जैसे प्रसिद्ध खेल में निपुण बनाया जाएगा। इसके लिए केंद्र में बैडमिंटन कोर्ट स्थापित कर दिया गया है। इसके अलावा मार्च की शुरुआत में टेबल टेनिस भी शुरू हो जाएगा।

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11 बच्चे रहते हैं पुनर्वास केंद्र में

महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र में वर्तमान में 11 बच्चे रह रहे हैं। इन सभी की उम्र 18 वर्ष से अधिक है।

इन खेलों का होता है आयोजन

पुनर्वास केंद्र में बच्चों के बीच विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं कराई जाती है जिससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। कैरम प्रतियोगिता, लूडो, बोलिंग जैसे खेलों का आयोजन यहां होता रहता है।

पास में ही बनाया गया मैदान

जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन ने बताया कि पुनर्वास केंद्र के समीप की खाली भूमि को खेल के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। इस भूमि पर बैडमिंटन कोर्ट भी बना दिया गया है।

महिलाओं को भी दिया प्रशिक्षण

महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र में रह रही संवासिनियों को बीते दिनों स्वरोजगार के लिए खिलौने बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान 11 महिलाओं ने सॉफ्ट ट्वायज बनाए। इन खिलौनों को भविष्य में बिक्री के लिए रखा जाएगा।

दस हजार मास्क बनाए

पुनर्वास केंद्र की महिलाओं ने कोरोना काल में भी बेहतरीन कार्य किया। यहां रह रही महिलाओं ने बेहद कम समय में दस हजार मास्क तैयार किए। जिन्हें अच्छे दाम में बेचा गया।

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