Move to Jagran APP

नैनी‍ताल जिले में लोगों की हिफाजत करते हुए खाकी के अब तक सात कोरोना वॉरियर्स योद्धा कुर्बान

जनता कफ्यू यानी 22 मार्च। हाइडिल गेट चौराहे के पास चेकिंग करते हुए जब काठगोदाम एसओ नंदन सिंह नंदन रावत ने बाइक सवार दो युवकों से सवाल किया तो उनके पास घर से बाहर निकलने की कोई वजह नहीं थी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 10:02 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:02 AM (IST)
नैनी‍ताल जिले में लोगों की हिफाजत करते हुए खाकी के अब तक सात कोरोना वॉरियर्स योद्धा कुर्बान
नैनी‍ताल जिले में लोगों की हिफाजत करते हुए खाकी के अब तक सात कोरोना वॉरियर्स योद्धा शहीद

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : जनता कफ्यू यानी 22 मार्च। हाइडिल गेट चौराहे के पास चेकिंग करते हुए जब काठगोदाम एसओ नंदन सिंह नंदन रावत ने बाइक सवार दो युवकों से सवाल किया तो उनके पास घर से बाहर निकलने की कोई वजह नहीं थी। जिसके बाद रावत ने उनसे कहा कि खुद और देश की सुरक्षा की लिए घर में बैठ सकते हो। यह सुनकर दोनों सारी कहते हुए चुपचाप चले गए। यह घटना दोपहर एक बजे करीब की है। और शाम को अचानक घोषणा हुई लाकडाउन। इस लाकडाउन के साथ ही कोरोना योद्धाओं यानी पुलिस, डाक्टर, नर्स और सफाइकर्मियों की जिम्मेदारी दोगुनी हो गई। 22 मार्च से अब तक प्रदेश में सात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। करीब दस हजार पुलिसकर्मी फील्ड में कोरोना ड्यूटी में जुटे थे।

loksabha election banner

लाकडाउन के दौरान उत्तराखंड पुलिस दो भूमिका में नजर आई। बेवजह घर से बाहर निकलने व कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों पर मुकदमे दर्ज कर सख्ती बरती गई तो परेशान व गरीब लोगों की मदद से खाकी ने कदम पीछे नहीं किए। थाने और चौकियों द्वारा इन लोगों के  लिए खाने व रहने की पूरी व्यवस्था की गई। इस काम में सामाजिक संगठनों का सहारा भी लिया गया। मगर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाते हुए सात कोरोना योद्धाओं को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसमें एसपी सिटी राजीव मोहन को मिलाकर पांच पुलिसकर्मी कुमाऊं मंडल के थे। मार्च से अब तक नैनीताल जिले के दो, ऊधमसिंह नगर एक, बागेश्वर एक और 46वीं पीएसी के एक जवान की कोरोना से मौत हुई।

कुमाऊं में 1002 लोग चपेट में आए

13 जनवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक कुमाऊं में 1002 जवान कोरोना संक्रमित पाए गए। इसमेंं ऊधमसिंह नगर के 217, नैनीताल के 203, चंपावत में 66, अल्मोड़ा 99, बागेश्वर 53, पिथौरागढ़ 61, आइआरबी 122, 46वीं पीएसी में 90 व 31वीं पीएसी बटालियन में 83 जवान बीमारी की चपेट में आए। 

मीणा के नियम ने संक्रमण को रोका

शुरूआत में नैनीताल जिले में संक्रमित पाए गए ज्यादातार पुलिसकर्मी वह थे जो कि अवकाश लेकर घर या किसी काम से बाहर गए। जिसके बाद तत्कालीन एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने नियम बनाया कि अफसर से लेकर जवान भी अगर एक दिन की छुट्टी पर जाता है तो वापसी में उसे कोरोना टेस्ट कराना होगा। उसके बाद ही ड्यूटी मिलेगी। इस टेस्ट में कई लोग पाजिटिव निकले। उन्हें सीधा उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। जिस वजह से संक्रमण फैलने का डर कम हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.