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चम्पावत में तूल पकड़ रहा टीकाकरण सूची से डाक्‍टरों के नाम गायब होने का मामला, पीएमएस को सौंपा ज्ञापन

सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी के दिए अनर्गल बयान से मंगलवार को डॉक्टर व कर्मचारी और आक्रोशित हो उठे। डॉक्टरों ने मामले की गंभीरतापूर्वक जांच कराने तथा टीकाकरण कराने को लेकर प्राथमिक चिकित्सा संघ ने डीएम व पीएमएस डॉ. आरके जोशी को ज्ञापन सौंपा गया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 04:26 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:54 AM (IST)
चम्पावत में तूल पकड़ रहा टीकाकरण सूची से डाक्‍टरों के नाम गायब होने का मामला, पीएमएस को सौंपा ज्ञापन
संघ ने कहा कि टीकाकरण सूची से 16 डॉक्टरों के नाम नहीं है।

चम्पावत, जागरण संवाददाता : कोरोना टीकाकरण सूची से जिला अस्पताल के 45 डॉक्टरों व कर्मचारियों के नाम गायब होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी के दिए अनर्गल बयान से मंगलवार को डॉक्टर व कर्मचारी और आक्रोशित हो उठे। डॉक्टरों ने मामले की गंभीरतापूर्वक जांच कराने तथा टीकाकरण कराने को लेकर प्राथमिक चिकित्सा संघ ने जिलाधिकारी को तथा डॉक्टरों व कर्मचारियों की ओर से पीएमएस डॉ. आरके जोशी को ज्ञापन सौंपा गया।

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प्राथमिक चिकित्सा संघ अध्यक्ष डॉ. एचएस ऐरी ने कहा कि नवंबर माह में टीकाकरण के लिए डॉक्टरों व कर्मचारियों की सूची मांगी गई थी। जिसमें 109 लोगों की पूर्ण जानकारी के साथ नाम भेजे गए। उस दौरान आधार नंबर को प्रमुखता न देते हुए आइडी प्रूफ देने की बात कही। लेकिन सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी आधार नंबर न देने की बात कह कर सूची से नाम गायब होने की बात कह रहे हैं। जो पूरी तरह से गलत है। अगर सूची में कमी थी तो पूर्व में बताना चाहिए। संघ ने कहा कि टीकाकरण सूची से 16 डॉक्टरों के नाम नहीं है। ये डॉक्टर विगत दस माह से अपना व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। लेकिन टीका लगाने में सीएमओ व डीएच कार्यालय में तैनात मिनिस्ट्रियल कर्मियों को प्राथमिकता दी गई। जिनका मरीजों से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता।

शहर में उपलब्ध निजी अस्पतालों व लैब के लगभग सभी कर्मचारियों का टीका इसी चरण में किया गया। संघ ने कहा कि सूची बनाते वक्त प्राथमिकताएं पक्षपात करने के हिसाब से रही। जो कोरोना काल में मनोयोग से कार्य कर रहे डॉक्टरों व कर्मचारियों को नजरअंदाज कर उनके मुंह पर तमाचे जैसा है। इससे कर्मचारियों का मनोबल तो टूटा ही है साथ ही हम काफी आहत महसूस कर रहे हैं। सूची में कई ऐसे लोगों को टीका लगाया गया जो स्वास्थ्य कर्मी तक नहीं है। सिर्फ प्रशासन द्वारा उन्हें व उनके परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए टीका लगाया गया। संघ ने पीएमएस डॉ. आरके जोशी के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेजकर मामले की जांच कराने तथा अविलंब टीकाकरण कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में पीएमएस अध्यक्ष डा. एचएस ऐरी, डा. प्रदीप बिष्ट, डा. अजय कुमार, डा. राशि भटनागर, डा. मनीष बिष्ट, डा. विवेक सिंह, डा. वर्षा रानी, डा. शोभित तिवारी, डा. हिमांशु पांडेय आदि शामिल रहे। 

अपने ही बयान से हर बार पलट जाते हैं सीएमओ

सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी का यह पहला मामला नहीं है कि वह अपनी कही हुई बात से पलट जाते हैं। यह पूर्व में भी कई बार हो चुका है। सोमवार को भी यही देखने को मिला। सीएमओ ने मामले में बयान दिया था कि सूची में आधार नंबर न होने की वजह से पोर्टल ने 45 कर्मचारियों के नाम नहीं उठाए। डा. ऐरी इसके लिए दोषी है कि उन्होंने उनके आधार नंबर नहीं भेजे। जबकि अन्य 64 की सूची में कुछ लोगों ही आधार नंबर थे। अन्य सभी के पैन कार्ड ही भेजे गए थे। जब मंगलवार को इस मामले में सीएमओ डा. खंडूरी से पूछा गया तो वह अपने आप को मामले में जानकारी का अभाव न होने की बात कहकर नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. इंद्रजीत पांडेय से इसके बारे में पूछने को कहा और फोन काट दिया।  

बिना स्वास्थ्य कर्मी के कैसे लगा टीका

चम्पावत जिला अस्पताल में कोरोना टीकाकरण के तहत स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया लेकिन कई ऐसे लोगों को भी टीका लगाया गया जो स्वास्थ्य कर्मी हैं ही नहीं। बल्कि वह उनके परिजन है। सूत्रों का कहना है कि आपदा प्रबंधन द्वारा इन लोगों की सूची सीएमओ कार्यालय को उपलब्ध कराई गई। जिसके बाद उन्हें पोर्टल पर फीड किया गया। 

सीएमओ कार्यालय डाटा एंट्री ऑपरेट को बना रहा दोषी

डॉक्टरों के नाम टीकाकरण सूची से गायब होने के मामले में सीएमओ कार्यालय में तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर को दोषी मान रहा है। जबकि उसने वो ही डाटा फीड किया जो उसे उपलब्ध कराया गया। इसको लेकर कई प्रशासनिक व स्वास्थ्य अधिकारी मानसिक रूप से प्रताड़‍ित कर रहे हैं, जिससे वह काफी आहत है। पीएमएस संघ ने डाटा एंट्री ऑपरेटर का बचाव करते हुए कहा कि इसमें इसकी कोई गलती नहीं है। जो डाटा उसे दिया गया वह उसने फीड किया। इसमें पूरी तरह से सीएमओ कार्यालय दोषी है।

जिलाधिकारी एसएसन पांडेय ने बताया कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है। अगर टीकाकरण नहीं हुआ है तो आगे उनको टीका जरूर लगाया जाएगा। रही बात नाम छूटने की तो हो सकता है उस समय भेजी गई सूची में आइडी प्रूफ न हो। जिला अस्पताल में प्रभारी रहे डा. ऐरी से कई बार पूर्ण डाटा भेजने के लिए कहा गया है। अगर डाटा भेजा गया है और नाम नहीं चढ़ा। यह किस स्तर से ऐसा हुआ है उसकी जांच कराई जाएगी।


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