पूर्व सीएम हरीश रावत ने बागेश्वर में सरयू नदी का जल लेकर भ्रष्टाचार के खात्मे लिया संकल्प
कुली बेगार प्रथा के अंत की शताब्दी वर्ष पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपवास किया। उन्होंने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए सरयू नदी का जल लेकर संकल्प लिया। कुली बेगार प्रथा के अंत के 100 साल पूरे होने पर 100 लोटे जल चढ़ाकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : सरयू बगड़ में कुली बेगार प्रथा के अंत की शताब्दी वर्ष पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपवास किया। उन्होंने इस मौके पर भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए सरयू नदी का जल लेकर संकल्प लिया। कुली बेगार प्रथा के अंत के 100 साल पूरे होने पर 100 लोटे जल चढ़ाकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।
शुक्रवार को सरयू बगड़ में हरीश रावत का जोरदार स्वागत किया गया। मौके पर पूर्व सीएम ने उपवास किया। उन्होंने सबसे पहले सबको उत्तरायणी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने बीजेपी के 4 साल के भ्रष्ट, जन विरोधी कार्यकाल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कुली बेगार प्रथा का अंत करने वाले क्रांतिकारियों को याद किया। आज उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उन्होंने देश मे चल रहे किसान आंदोलन को याद किया। आंदोलन कर रहे 70 किसान दम तोड़ चुके है। किसानों के जायज मांग को भी नही मान रही है। कांग्रेस लगातार उनकी मांगों को उठा रही है।
कांग्रेस के कार्यकर्ता देश भर में राजभवन का घेराव कर रहे है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया। बीजेपी सरकार को कोसा। किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए 11 मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद उन्होंने सरयू का पानी लेकर संकल्प लिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि हरीश रावत ने नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ा जाए। पूरे प्रदेश में कांग्रेस की लहर है। इस बार लोग बीजेपी सरकार से त्रस्त है। आगामी चुनाव में जनता जवाब देगी। हरीश रावत मुख्यमंत्री होंगे। वर्तमान में हरदा भाजपा पर हमले को लेकर काफी मुखर हैं। उनके व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बीच इंटरनेट मीडिया सहित अन्य मंचों से आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। इसके साथ ही रावत चुनाव से पहले ही स्वयं को सूबे का मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने का भी अपनी पार्टी पर लगातार बना रहे हैं।