पहले दिन 32 यात्रियों को लेकर चली केमू की पांच बसें
साढ़े तीन महीनेबाद बुधवार को कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन (केमू) की बसें सड़कों पर उतरीं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : साढ़े तीन महीनेबाद बुधवार को कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन (केमू) की बसें सड़कों पर उतर आई। हालांकि पहले दिन केमू की सिर्फ पांच बसें चली और उसे केवल 32 यात्री ही मिले।
पहली बस सुबह साढ़े सात बजे निकली। यह बस हल्द्वानी से केवल पांच यात्रियों को लेकर बागेश्वर के लिए रवाना हुई। जबकि दोपहर तक मौसम साफ होने पर भवाली वाया बागेश्वर व शहर फाटक के लिए दो और बसें 20 यात्रियों को लेकर रवाना हुई। वही, शाम पांच बजे दो बसों में सात यात्री अल्मोड़ा के लिए रवाना हुए। वहीं, बसों में शारीरिक दूरी, फेस मास्क पहने यात्रियों को ही बस में सफर करने की अनुमति दी गई। हालाकि लगातार रिमझिम बारिश होने केमू स्टेशन पर यात्रियों का अभाव पूरे दिन बना रहा।
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केमू की बसें चलने से राहत मिली है। लेकिन किराया दरों में बेतहाशा वृद्धि से दोगुना किराया देना पड़ रहा है। अल्मोड़ा के दोनों ओर का किराया एक तरफ से वसूला जा रहा है।
-किशन सिंह राठौर, यात्री
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रोडवेज प्रबंधन द्वारा सभी सार्वजनिक वाहनों के किराए में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में निजी बसों का भी किराया बढ़ गया है। सरकार को बढ़ते किराए पर अंकुश लगाना चाहिये।
-मोहन चंद्र जोशी, यात्री
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भवाली जाने के लिए पिथौरागढ़ जितना भाड़ा देना पड़ रहा है। लॉकडाउन में पहले से ही रोजी-रोटी पर संकट बरकरार है। ऐसे में सार्वजनिक वाहनों के किराया बढ़ने से दोहरी मार पड़ रही है।
-जगदीश सिंह भगत, यात्री
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तीन महीने से काम ठप पड़ा है। केमू की दोबारा सेवाएं शुरू होने से खुशी है। लेकिन यात्री नहीं होने से बसों पेट्रोल-डीजल का दाम भी निकालना मुश्किल है।
-दीपक सिंह, बस चालक
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ट्रायल के तौर पर हल्द्वानी से पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 25 बसों की सेवाएं शुरू की गई हैं। बुधवार को सुबह बारिश से यात्रियों की दिलचस्पी नहीं दिखी। इस कारण बसें कम चलाई गई। रामनगर से भी केमू की 12 बसों का संचालन शुरू किया गया है।
-सुरेश सिंह डसीला, केमू अध्यक्ष