Move to Jagran APP

जमीन के विवाद में हल्‍द्वानी में काश्तकार पर ताबड़तोड़ फायरिंग, बाल-बाल बची जान

हल्‍द्वानी के लामाचौड़ में काश्तकार पर फायरिंग को लेकर बुधवार रात हड़कंप मच गया। मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 01:24 PM (IST)
जमीन के विवाद में हल्‍द्वानी में काश्तकार पर ताबड़तोड़ फायरिंग, बाल-बाल बची जान
जमीन के विवाद में हल्‍द्वानी में काश्तकार पर ताबड़तोड़ फायरिंग, बाल-बाल बची जान

हल्द्वानी, जेएनएन : हल्‍द्वानी के लामाचौड़ में काश्तकार पर फायरिंग को लेकर बुधवार रात हड़कंप मच गया। मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीडि़त व आसपास के लोगों से घटना की जानकारी जुटाई। काश्तकार का कहना है कि फायरिंग में उसे छर्रे भी लगे। पुष्टि के लिए उसका मेडिकल भी करवाया जा रहा है।

loksabha election banner

लामाचौड़ के बच्चीनगर नंबर एक निवासी काश्तकार डूंगर देव पाठक ने बताया कि तीन साल पहले उसने चकलुवा के पास वर्ग चार की नौ बीघा जमीन का सौदा किया था। जिसे लेकर कुछ विवाद भी चल रहा है। डूंगर के भतीजे नरेश ने जमीन अब पक्की होने वाली थी। जिससे उसके दाम भी बढ़ते।

नरेश के मुताबिक चकलुवा में जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी थी। उसका बेटा लंबे समय से जमीन वापस करने को कह रहा था। जिस पर चाचा डूंगर ने कहा कि तीसरे व्यक्ति से जमीन का सौदा चल रहा है। लिहाजा, उससे बातचीत करने के बाद समझौता होगा। पीडि़त के मुताबिक बुधवार सुबह चकलुवा निवासी व्यक्ति का बेटा घर आ गया। जहां दोनों पक्षों में जमीन को लेकर वार्ता हुई।

रात साढ़े आठ बजे वह दोबारा अपने चार साथियों संग पहुंच गया। इस बीच दोनों पक्षों में गुत्थम-गुथा होने लगी। आरोप है कि इस बीच उसने असलहा निकाल दो फायर झोंक दिया। गनीमत रही कि डूंगर देव पाठक बाल-बाल बच गए। हालांकि, पीडि़त का कहना है कि उसे पेट पर छर्रे भी लगे।

सूचना पर मुखानी पुलिस भी मौके पर पहुंची। जिसके बाद गांव के लोग थाने में जुट गए। फिलहाल पीडि़त पक्ष मुकदमा दर्ज कराने की बात कर रहा है। वहीं, पुलिस मेडिकल कराने में जुटी थी। सीओ हल्द्वानी शांतनु पराशर ने बताया क‍ि  मुखानी पुलिस को मौके पर गोली चलने के साक्ष्य नहीं मिले। उसके बावजूद घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है। यह दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद का मामला है।

यह भी पढें

देशी शराब की दुकानें न खुलने से आबकारी को हर महीने 2.71 करोड़ रुपये की चपत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.